शेखसादी

फ़ारसी शेक्सपियर....

किसी लेखक की सर्वप्रियता इस बात से भी देखी जाती है कि उसके वाक्‍य और पद कहावतों के रूप में कहाँ तक प्रचलित हैं। मानवचरित्रपारस्परिक व्यवहार आदि के संबंध में जब लेखक की लेखनी से कोई ऐसा सारगर्भित वाक्य निकल जाता है जो सर्व-व्यापक हो तो वह लोगों की ज़बान पर चढ़ जाता है।
गोस्वामी तुलसीदास जी की कितनी ही चौपाइयाँ कहावतों के रूप में प्रचलित हैं। अंग्रेज़ी में शेक्सपियर के वाक्यों से सारा साहित्य भरा पड़ा है। फ़ारसी में जनता ने यह गौरव शेखसादी को प्रदान किया है। इस क्षेत्र में वह फ़ारसी के समस्त कवियों से बढ़े-चढ़े हैं।यहाँ हम सादी के द्वारा कहे गए कुछ कथनों का फारसी और हिंदी अर्थ प्रकाशित कर रहे हैं।

फारसी: आनांकि ग़नी तरन्द मुहताज तरन्द।

हिंदी में भावार्थ: जो अधिक धनाडय हैं वही अधिक मोहताज है।

फारसी: हर ऐब कि सुल्तां बेपसन्दद हुनरस्त।

हिंदी में अर्थ: यदि राजा किसी ऐब को भी पसंद करे तो वह हुनर हो जाता है।

फारसी: हाजमे मश्शाता नेस्त रूय दिलाराम रा।

हिंदी में भावार्थ: सुंदरता बिना शृंगार ही के मन को मोहती है।
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सम्बंधित दोहा:
स्वाभाविक सौंदर्य जो सोहे सब अंग माहिं।

तो कृत्रिम आभरन की आवश्यकता नाहिं।

फारसी: परतवे नेकां न गीरद हरकि बुनियादश बदस्त।

हिंदी में भावार्थ:जिसकी अस्ल खराब है उस पर सज्जनों के सत्संग का कुछ असर नहीं होता।

फारसी:दुश्मन न तवां हकीरो बेचारा शुमुर्द।

हिंदी में भावार्थ: शत्रु को कभी दुर्बल न समझना चाहिये।

फारसी:आकश्बत गुगज़दा गुर्ग शवद।

हिंदी में भावार्थ: भेड़िये का बच्चा भेड़िया ही होता है।

फारसी:दर बाग़ लाला रोयदो दर शोर बूम ख़रा ।

हिंदी में भावार्थ: लाला फल बाग़ में उगता है, ख़स ज़ो घास है, ऊसर में।

फारसी: तवंगरी बदिलस्त न बमाल,

बुजुर्गी बअकलस्त न बसाल।

हिंदी में भावार्थ: धनी होना धन पर नहीं वरन् हृदय पर निर्भर है, बड़प्पन अवस्था पर नहीं वरन् बुध्दि पर निर्भर है।

सम्बंधित दोहा:

सघन होन तैं होत नहिं, कोऊ लच्छ मीवान।

मन जाको धनवान है, सोई धनी महान॥

फारसी:हसूद रा चे कुनम को ज़े खुद बरंज दरस्त।

हिंदी में भावार्थ: ईष्यालु मनुष्य स्वयं ही ईष्या-अग्नि में जला करता है। उसे और सताना व्यर्थ है।

फारसी:क़द्रे आफियत आंकसे दानद कि बमुसीबते गिरफ्तार आयद।

हिंदी में भावार्थ: दुख भोगने से सुख के मूल्य का ज्ञान होता है।

फारसी: 

चु अज़बे बदर्द आबुरद रोज़गार,

दिगर अज़वहारा न मानद करार।

हिंदी में भावार्थ: जब शरीर के किसी अंग में पीड़ा होती है तो सारा शरीर व्याकुल हो जाता है।

फारसी:

हर कुजा चश्मए बुवद शीरीं,

मरदुमों मुर्गों मोर गिर्दायन्द।

विमल मधुर जल सों भरा, जहाँ जलाशय होय।

पशु पक्षी अरु नारि नर, जात तहाँ सब कोय॥
फारसी:

आंरा कि हिसाब पाकस्त अज़ मुहासिबा चेबाक।

हिंदी में भावार्थ: जिसका लेखा साफ है उसे हिसाब समझाने वाले का क्या डर?

 

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