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देश-प्रदेश की तस्वीर बदलनी है तो शुरुआत गांवों से करनी पड़ेगी
मात्र 7 दिन में गांवों की सूरत, शहरों से भी बेहतर होगी
- देश-प्रदेश की तस्वीर बदलनी है तो शुरुआत गांवों से करनी पड़ेगी ।
- मात्र 7 दिन में गांवों की सूरत, शहरों से भी बेहतर होगी
(डा.हमीदुल्लाह सिद्दीकी,वरिठ पत्रकार,लखनऊ)
कोरोना महामारी से निमटने के उपायों में सबसे कारगर उपाय यही है कि इस के वाइरस को गांव स्तर पर ही खत्म कर दिया जाए। यह काम बहुत आसान है। अगर एक विशेष अभियान चलाकर गांवों के अंदर-बाहर की संपूर्ण साफ-सफाई पर फोकस किया जाए तो नतीजा उम्मीद से बढ़कर निकलेगा। मात्र 7 दिन में ऐसा कुछ ऐसा कार्य किया सकता है कि गांवों की सूरत, शहरों से भी बेहतर नज़र आने लगेगी । सड़कों, गलियों ,नालियों आदि की साफ-सफाई के साथ ही चूना कारी ,ब्लीचिंग पाउडर व पानी का छिड़काव आदि करके गांवों को पूरी तरह से सेनीटाईज्ड किया जा सकता है। जब गांव-गांव में कोरोना जैसी महामारी से लड़ने का जोश और जज़्बा पैदा हो जाएगा तो उस बदलाव का असर पूरे जनपद और पूरे देश-प्रदेश पर निश्चित तौर पर पड़ेगा । इस के लिए जिलाधिकारी या सीडीओ को सिर्फ एक इनीशिएटिव लेना है और प्रियारिटी बेसिस पर 7 बिंदुओं पर ,7 दिनों का टार्गेट देकर कार्य कराने का दिशा-निर्देश जारी करना है। इस कार्य हेतु गांव की ही 7 सदस्यीय एक कार्य समिमति का गठन किया जा सकता है जिनमें 1- ग्राम प्रधान,2- ग्राम सचिव,3- बीडीसी,4- रोजगार सेवक,5- सफाई कर्मी,6- गांव का शिक्षक,7- आशा बहु/आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल होंगे ।यह समिति 7 दिनों तक मनरेगा के 7 मजदूरों के साथ मिल कर इन 7 बिंदुओं पर कार्य करेगी।
पहला बिंदु स्वास्थ्य का होगा जिसके अंतर्गत गैर जनपदों व अन्य राज्यों से आए व्यक्तियों पर पैनी नज़र रखनी होगी, किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य में ज़रा सी भी गड़बड़ी देखते ही नज़दीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सूचित करना होगा, सभी गांव वासियों से मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना होगा । गांव में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों के खान-पान और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना है। दूसरा अहम बिंदु स्वच्छता का है जिसमें नाली,सड़क आदि की साफ-सफाई और उनकी मरम्मत का कार्य है। जल निकासी व जल संरक्षण पर विशेष ध्यान देना है। पान, बीड़ी-तंबाकू,गुटखा आदि पर लगे प्रतिबंध का हर हाल में पालन कराना है। गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर पर स्वच्छता का विशेष ध्यान देना है। तीसरे बिदुं के तहत पीने का साफ पानी मुहय्या कराना है । कुओं की जगह हैंड पाईप के पानी के उपयोग पर ज़ोर देना है। हल्का गुनगुना पानी पीना है या पानी को उबाल कर ठंडा हो जाने पर पीना है । चौथा और अहम बिंदु बिजली से संबंधित है। प्रयास यह करना है कि गांव का हर गली,कोना और रास्ता प्रकाशमय हो । जहां कहीं भी बिजली के तार टूटे हों या लटक रहे हों, बिजली के खंभे झुके या कमज़ोर हों, उन्हें दुरुस्त कराना है ताकि किसी भी घटना-दुर्घटना से बचा जा सके। गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर पर बिजली-पानी की सुविधा का विशेष ध्यान देना है । पांचवे बिंदु के तहत गांव की सड़कों पर भी ध्यान देना है ।सड़कों के किनारे अवैध कब्ज़ों का हटवा कर उन्हें गड्ढा मुक्त करना है ताकि एमर्जेंसी की हालत में एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां निकल सकें । गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर तक जाने वाले रास्ते को विशेष तौर पर दुरूस्त कराना है ।
छठवें बिंदु के तहत शिक्षा पर विशेश ध्यान देना है । स्कूलों में छुट्टियां हैं और बच्चे आम तौर पर गलियों में घूमते- खेलते नजर आ रहे हैं । उन्हों इस से बचाने के लिए उनके घरों पर ही सेल्फ स्टडी या ट्यूशन के लिए प्रेरित करना है । उनके माता-पिता से बात कर के बराबर उनपर निगरानी रखनी है ताकि उनका सेलेबस पुरा हो सके और वे गली-कूचों में घूमने व खेलने से संक्रमित होने से भी बच सकें । सातवां और सबसे अहम बिंदु व्हाट्सएप ग्रुप का उपयोग है । व्हाट्सएप के माध्य से समस्त गतिविधियों की जानकारी आम गांव वालों के साथ ही प्रशासन को उपलब्ध कराई जाएंगी ।
7 दिन पूरे हो जाने के बाद जिले के आला अधिकारियों द्वारा गांव का निरीक्षण किया जाएगा । गुण-दोष के आधार पर संबंधित उत्तरदायी व्यक्तों या कर्मचारियों को दंडित अथवा प्रोत्साहित भी किया जाएगा।
गांव समिति के सदस्य
1- ग्राम प्रधान 2- ग्राम सचिव 3- बीडीसी 4- रोजगार सेवक 5- सफाई कर्मी 6- गांव का शिक्षक 7- आशा बहु/आंगनवाड़ी कार्यकर्ता
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गांव समिति का कार्यक्षेत्र
1- स्वास्थ्य) 2- सफाई: 3- पानी 4-बिजली 5- सड़क- 6- शिक्षा- 7- व्हाट्सएप ग्रुप का उपयोग
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व्हाट्सएप का उपयोग
प्रत्येक गांव का एक व्हाट्सएप ग्रुप होगा जिसका ग्रुप एडमिन स्थानीय शिक्षक व ग्राम सचिव होगा। |
समिति के 7 सदस्यों के साथ ही गांव के अन्य 40-50 संभ्रांत लोगों को ग्रुप में जोड़ा जाएगा |
गांव में किसी भी तरह की गंदगी ,कमी या समस्या दिखती है तो कोई भी व्यक्ति व्हाट्सएप ग्रुप में सूचित कर सकता है। |
गांव की 7 सदस्यीय कार्य समिति 24 घंटे के भीतर उस समस्या का समाधान कराएगी । |
24 घंटे के भीतर यादि समस्या का समाधान नहीं होता है तो उसकी सूचना ब्लॉक स्तरीय कंट्रोल रूम को दी जाएगी । |
ब्लॉक स्तरीय कंट्रोल रूम से भी 24 घंटे के अंदर यदि कोई हल नहीं निकलता है तो किसी भी व्यक्ति द्वारा जिला स्तरीय कंट्रोल रूम को इसकी सूचना दी जा सकती है , |
3 दिन के भीतर यदि समस्या का समाधान नहीं होता है तो संबंधित/उत्तरदायी व्यक्ति को प्रशासन द्वारा दंडित किया जाएगा |
कार्य समिति द्वारा कराए जा रहे कार्यों का विवरण फोटो समेत रोज़ाना व्हाट्सएप ग्रुप में पोस्ट करना होगा ताकि गांव के आम नागरिक भी उस से अवगत हो सकें और अपनी राय या प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकें। |
निरीक्षण
- एक सप्ताह उपरांत डीएम,सीडीओ या कोई अन्य बड़ा अधिकारी किसी भी गांव का औचक निरीक्षण करेगा ।
- निरीक्षण में यदि संतोषजनक प्रणाम नहीं मिलते हैं तो संबंधित/उत्तरदायी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी
- संतोषजनक प्रणाम मिलने पर गांव को सम्मानित भी किया जाएगा
(लेखक उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश स्तरीय मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं)