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उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी कंप्यूटर सेंटर के प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम पर विवाद,

सर्टिफिकेट,बैनर और पोस्टर पर डॉ. शीमा रिज़वी का नाम न होने पर एतराज़,


अकादमी के सेक्रेटरी ने कंप्यूटर सेंटर की सुपरवाईज़र से जवाब तलब किया,

सुपरवाईज़र ने कहा,डॉ. शीमा रिज़वी के नाम से अभी तक NCPUL से संबद्धीकरण नहीं हुआ,

(हमीद सिद्दीकी,लखनऊ)

उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी में नए सेक्रेटरी की तईनाती और नई कमेटी के गठन के बाद से ही अकादमी की सरगर्मियां काफी बढ़ गई हैं । सालों से से पेंडिंग पड़े कार्यों व योजनाओं पर तेंज़ी से काम हो रहा है। इसी सिलसिले में गत 22 अक्टूबर को उर्दू अकादमी कंप्यूटर सेंटर का प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम किया गया। इस कार्यक्रम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी की पूर्व चेयर पर्सन दिवंगत डॉ. शीमा रिज़वी के भाई और बीजेपी माइनॉरिटी फ्रंट की वर्किंग कमेटी के पूर्व राष्ट्रीय सदस्य आसिफ ज़मान रिज़वी के अनुसार, डॉ. शीमा ने उर्दू अकादमी में एक कंप्यूटर सेंटर की स्थापना की थी और अल्पसंख्यक छात्रों को राष्ट्रीय मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कार्य किया था । इसीलिए उनके काम और उर्दू के प्रति उनके प्रेम को देखते हुए “उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी कंप्यूटर सेंटर” का नाम बदल कर “डॉ. शीमा रिज़वी कंप्यूटर सेंटर”  रखा गया था । आसिफ जमान रिज़वी के साथ ही निदेशक, वक्फ विकास निगम व बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शफात हुसैन ने प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम में बैनर,पोस्टर और प्रमाण पत्रों पर डॉ. शीमा रिज़वी का नाम न होने पर सख्त एतराज़ किया है । इन लोगों ने इसे सोची समझी लापरवाही करार देते हुए इसकी शिकायत पार्टी और सरकार के स्तर पर करने की बात कही है।

वहीं, अकादमी के सेक्रेटरी व वरिष्ठ आईएएस ज़ुहैर बिन सग़ीर ने इस मामले पर सख्त संज्ञान लिया है । उन्होंने इस बारे में कंप्यूटर सेंटर की सुपरवाईज़र शाहिंदा किदवाई के खिलाफ शो-काज़ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है । ज़ुहैर बिन सगीर का कहना है कि कंप्यूटर सेंटर के प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम की समस्त ज़िम्म्दारी सुपरवाईज़र की थी, अगर कहीं पर कोई ग़लती व कोताही हुई है तो  सुपरवाईज़र के खिलाफ उचित कार्रवाई ज़रूर की जाएगी । सेक्रेटरी का यह भी कहना है कि इसके संबंध में मातहत अधिकारीयों को चेतावनी भी दी जाएगी ताकि आगे इस तरह का कोई विवाद न पैदा होने पाए ।

इस मामले पर कंप्यूटर सेंटर की सुपरवाईज़र शाहिंदा किदवाई ने अपनी सफाई में कंप्यूटर सेंटर की संबद्धीकरण की तकनीकी कमी का हवाला दिया। उनका कहना है कि कंप्यूटर सेंटर के कोर्स का संबद्धीकरण भारत सरकार के तहत चलने वाली काऊंसिल “NCPUL” से है और NCPUL ने “उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी कंप्यूटर सेंटर”  के नाम से ही Affiliation दिया है। शाहिंदा किदवाई के अनुसार जब तक NCPUL से “डॉ.शीमा रिज़वी कंप्यूटर सेंटर” के नाम से Affiliation नहीं होता है तब तक इस नाम का उपयोग करना उचित नहीं है। कंप्यूटर सेंटर की सुपरवाईज़र ने यह भी बताया कि तत्कालीन चेयरपर्सन डा आसिफा ज़मानी ने अपने कार्यकाल में अपनी बेटी डा.शीमा रिज़वी के नाम पर कंप्यूटर सेंटर का नाम बदल कर रखा था लेकिन इस बदले नाम से NCPUL में अभी तक Affiliation नहीं हो सका है, जिसकी वजह से यह दिक्कत हुई । उन्होंने यह भी कहा कि लाकडाऊन और अन्य कारणों से Affiliation नहीं कराया जा सका मगर अब अकादमी की कमेटी का गठन हो जाने से हालात मामूल पर आ रहे हैं,जल्द ही इस संबध में ज़रूरी कार्रवाई की जाएगी ताकि किसी को शिकायत का मौका न मिल सके। सुपरवाईज़र शाहिंदा किदवाई का कहना है कि इस से पूर्व कई वर्षों तक प्रमाण पत्र वितरण का कोई कार्यक्रम नहीं हो सका था, सभी छात्रों को उनके आने पर व्यक्तिगत तौर पर प्रमाण पत्र दे दिया जाता था । लगभग 18 वर्षों के बाद गत 22 अक्टूबर को इस तरह का आयोजन करके प्रमाण पत्र वितरण का कार्य किया गया है , जिसमें जो भी कमियां नज़र आईं हैं उन्हें आईंदा के लिए दूर करने की कोशिश की जाएगी ।

 

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