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राज्य अध्यापक पुरस्कार के चयन के सम्बन्ध में गाइडलाइन्स में संशोधन का प्रस्ताव अनुमोदित,

UP में मंत्रिपरिषद ने माध्यमिक विद्यालयों में योग्यता को बढ़ावा देने हेतु संशोधन के प्रस्ताव को किया अनुमोदित,

  • 18 पुरस्कारों में 02-02 पुरस्कार प्रधानाचार्य एवं प्रधानाध्यापक तथा शेष 14 पुरस्कार शिक्षक के लिए विषयवार/वर्गवार निर्धारित किये गये ।
  • जनपद/मण्डल /राज्य स्तर पर गठित चयन समितियों के अतिरिक्त, निदेशालय स्तर पर चयन समिति का गठन किया जायेगा ।
  • निर्धारित अर्हक अंक 40 प्रतिशत को संशोधित करते हुए न्यूनतम 50 प्रतिशत अर्हक अंक निर्धारित किया गया है।
  • 05 वर्षों का बोर्ड परीक्षाफल जो प्रत्येक वर्ष 90 प्रतिशत से कम न हो, निर्धारित किया गया है।
  • व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु जनपद स्तर पर सर्वाधिक प्रचलित दो समाचार पत्रों में विज्ञापन देना होगा ।
  • आपराधिक पृष्ठभूमि हेतु एल0आई0यू0 की जांच रिपोर्ट अनिवार्य

(हमीद सिद्दीकी,लखनऊ)

मंत्रिपरिषद ने माध्यमिक विद्यालयों में योग्यता को बढ़ावा देने हेतु राज्य अध्यापक पुरस्कार एवं मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार के चयन के सम्बन्ध में निर्धारित गाइडलाइन्स में संशोधन के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।राज्य अध्यापक पुरस्कार के अन्तर्गत विद्यालयों के उचित प्रबन्धन/संचालन तथा विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के दृष्टिगत प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक तथा अध्यापकों की संख्या का प्रतिनिधित्व के आधार पर विषय/वर्गवार पृथक-पृथक मानक का निर्धारण किया गया है। पूर्व निर्धारित मूल्यांकन मानक विषयनिष्ठ (सब्जेक्टिव) हैं, जिन्हें वस्तुनिष्ठ (ऑब्जेक्टिव) किया गया है। प्रधानाचार्य/ प्रधानाध्यापक के मूल्यांकन मानक तथा अध्यापक के लिए विषयवार/वर्गवार आकलन/मूल्यांकन का निर्धारण कर उचित प्रतिनिधित्व दिया गया है। संशोधित नीति में निर्धारित 18 पुरस्कारों में 02-02 पुरस्कार प्रधानाचार्य एवं प्रधानाध्यापक तथा शेष 14 पुरस्कार शिक्षक के लिए विषयवार/वर्गवार निर्धारित किये गये हैं।
राज्य अध्यापक पुरस्कार की संशोधित गाइडलाइन्स में यह व्यवस्था भी की गई है कि पूर्व में जनपद/मण्डल /राज्य स्तर पर गठित चयन समितियों के अतिरिक्त, निदेशालय स्तर पर चयन समिति का गठन किया जायेगा, जिससे सीमित संस्तुतियां राज्य चयन समिति में प्राप्त हों। समय सारणी को और अधिक व्यावहारिक बनाया गया है। पूर्व निर्धारित व्यवस्था के अलावा, केन्द्र अथवा अन्य राज्य सरकारों के अधीन राजकीय/सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में नियमित रूप से की गई सेवा को मान्य किया गया है, परन्तु पुरस्कार का आकलन प्रदेश में किये गये शिक्षण कार्य के आधार पर किया जायेगा। पूर्व में आवेदन हेतु निर्धारित अर्हक अंक 40 प्रतिशत को संशोधित करते हुए न्यूनतम 50 प्रतिशत अर्हक अंक निर्धारित किया गया है। पूर्व में, बोर्ड परीक्षाफल 05 वर्षों का उल्लेख है, किन्तु वर्ष एवं परीक्षाफल का प्रतिशत निर्धारित नहीं है। इसे संशोधित करते हुए 05 वर्षों का बोर्ड परीक्षाफल जो प्रत्येक वर्ष 90 प्रतिशत से कम न हो, निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार के लिये संशोधित गाइडलाइन्स के अन्तर्गत पूर्व में 25 दिसम्बर अथवा मुख्यमंत्री जी द्वारा निर्धारित तिथि प्रदान किये जाने के उपरान्त पुरस्कार दिये जाने की व्यवस्था निर्धारित है। स्ववित्त पोषित विद्यालय के शिक्षकों को विगत दो वर्षों से 05 सितम्बर शिक्षक दिवस के अवसर पर सम्मानित किया गया है। अतः उक्त तिथि पर पुरस्कार दिया जायेगा। पूर्व में प्रतिमण्डल एक अर्थात कुल 18 शिक्षकों को पुरस्कार दिये जाने की व्यवस्था निर्धारित है। पुरस्कार के चयन हेतु संशोधित व्यवस्था में प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक के लिए पृथक-पृथक मानक एवं अध्यापक हेतु विषय/वर्गवार मानक का निर्धारण किया गया है।
पूर्व में मण्डल/राज्य स्तर पर चयन समिति गठित है। चयन पक्रिया की पारदर्शिता हेतु मण्डल/राज्य स्तरीय चयन समिति के अतिरिक्त जनपद/निदेशालय स्तर पर चयन समिति गठित की गई है। जनपद/मण्डल स्तर पर चयन हेतु स्ववित्त पोषित विद्यालय के एक प्रधानाचार्य, जो स्वयं आवेदक न हो, को सदस्य के रूप में सम्मिलित किया गया है। पूर्व निर्धारित मूल्यांकन मानक विषयनिष्ठ (सब्जेक्टिव) हैं, जिन्हें वस्तुनिष्ठ (ऑब्जेक्टिव) किया गया है।
पूर्व व्यवस्था मंे दिशा-निर्देश/मूल्यांकन मानक निर्धारित नहीं है। नवीन व्यवस्था में व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु जनपद स्तर पर सर्वाधिक प्रचलित दो समाचार पत्रों में विज्ञापन, मूल्यांकन हेतु निर्धारित मानदण्डों के मानक के सम्बन्ध में संगत अभिलेखों का सत्यापन,  आपराधिक पृष्ठभूमि हेतु एल0आई0यू0 की जांच रिपोर्ट अनिवार्य तथा सामान्य ख्याति के सम्बन्ध में परीक्षण तथा उत्कृष्ट कार्यों का प्रस्तुतीकरण किये जाने की व्यवस्था निर्धारित की गई है।

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