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IAS सुरेन्द्र सिंह ने अपनी माता जी के नाम पर अपने पैतृक घर को बना दिया पुस्तकालय,

जरूरत पड़ने पर जमीन भी दान करने का दिया भरोसा,

सिविल सर्विसेज़,इंजीनियरिंग और मेडिकल के निर्धन व मेधावी छात्र/छात्राओं के लिए समर्पित किया घर,

मथुरा जनपद के सैदपुर गांव में है पैतृक आवास,

मथुरा,  

मेरठ के कमिश्नर IAS सुरेन्द्र सिंह और उनके भाई जितेंद्र सिंह ने मथुरा जनपद के सेदपुर गांव के अपने पुश्तैनी घर को अपनी माता जी ‘लहरकौर” के नाम से एक पुस्तकालय के रूप में परिवर्तित कर दिया है। अब यह घर  “श्रीमती लहर कौर अध्ययन स्थल” के नाम से जाना जाएगा। माता जी अनपढ़ थीं पर पूरे मोहल्ले के बच्चों को स्कूल भेजती थी, संस्कार सिखाती थीं, इसी संस्कार का नतीजा है कि उनकी औलादों ने  शिक्षा की ज्योति जगाए रखने के लिए यह निर्णय लिया है।

उन्होंने सिविल सर्विसेज़,इंजीनियरिंग और मेडिकल के निर्धन व मेधावी छात्र/छात्राओं की पढ़ाई के लिए अपने घर को समाज हित में समर्पित कर दिया है। पूरे परिवार ने जरूरत पड़ने पर छात्र हित में किसी भी आवश्यकता के लिए खेती की जमीन दान देने का महान निश्चय भी किया है

कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह के भाई जितेन्द्र सिंह, राजस्थान विधि सेवा संघ के अध्यक्ष हैं। दोनों भाइयों ने अपने पिताजी श्री हरि सिंह जी की पुण्यतिथि  के अवसर पर इस पुस्तकालय की स्थापना कर के एक सच्ची श्रद्धांजलि पेश की है। मां के नाम पर पुस्तकालय की स्थापना कर के इलाके के छात्र छात्राओं के भविष्य निर्माण के लिए एक ऐसी पहल की है, जिसकी सराहना हर ओर की जा रही है । उनके इस प्रयास से अन्य अधिकारीयों व समाज सेवियों को भी प्रेरणा मिलेगी।

मथुरा के डीएम नवनीत सिंह चहल और एसएसपी डॉ.गौरव ग्रोवर ने पुस्तकालय की स्थापना के मौके पर कहा कि माता लहर कौर के दोनों बेटो ने अनुकरणीय शुरुआत की है। इस पुस्तकालय के माध्यम से बच्चे, आला नौकरियों के लिये कंपटीशन की बेहतर तैयारी कर सकेंगे । दक्षिणांचल विद्युत निगम के एमडी अमित किशोर (आईएएस) ने इस अवसर पर सुरेंद्र सिंह और उनके भाई को इस नेक प्रयास के लिए बधाई दी।

कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह की पत्नी गरिमा सिंह ने प्रोग्राम का बखूबी संचालन किया। श्रीमती गरिमा कंप्यूटर इंजीनियर की पढ़ाई कर वर्तमान में इंटीरियर डिजाइनिंग का कार्य कर रही हैं।

सुरेन्द्र सिंह की भाभी श्रीमती राजेश चौधरी ने भी पुस्तकालय की स्थापना के इस पहल में अहम भूमिका निभाई, वह एक जानी मानी समाजसेविका हैं।

परिवार के चारों सदस्यों की पहल और प्रयास से ही इस पुस्तकालय की स्थापना का सपना पूरा हो सका है

याद रहे कि सुरेंद्र सिंह 2005 बैच के आईएएस अफसर हैं । भदोही, बलरामपुर, उन्नाव ,कानपुर ,प्रतापगढ़,फिरोजाबाद,मुजफ्फरनगर और वाराणसी आदि जिलों में एक कामयाब डीएम के तौर पर तैनात रह चुके हैं , मुख्यमंत्री के विशेष सचिव के तौर पर भी उनके कार्यों की प्रशंसा की जाती रही है। वर्तमान में  वह कमिश्नर मेरठ  के साथ  गौतम  विश्वविद्यालय के कुलपति का भी पदभार संभाल रहे हैं। वह एक कर्मठ और तेजतर्रार आईएएस अफसर माने जाते हैं, उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए उन्हें राष्ट्रपति व प्रधान मंत्री के हाथों राष्ट्रीय स्तर के कई अवार्ड भी मिल चुके हैं ।

सुरेन्द्र सिंह को पुस्तकों से लगाव शुरू से ही रहा है ,वह जहाँ कहीं भी तैनात रहे,पुस्तकालय की स्थापना के मिशन में विशेष रूचि लेते रहे। “हर गांव में एक पुस्तकालय” और “पुस्तक दान-महा दान” के कांसेप्ट पर काम करना उनका एक पुराना सपना रहा  है जिसे पूरा करने में वह आज भी हर संभव प्रयास करते रहते हैं

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