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मृतक के शव को कूड़ा गाड़ी में लादने पर मानवाधिकार आयोग व अल्पसंख्यक आयोग ने जताई नाराजगी
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी सरकार को जारी किया नोटिस,

मृतक के शव को कूड़ा गाड़ी में लादने पर मानवाधिकार आयोग व अल्पसंख्यक आयोग ने जताई नाराजगी,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी सरकार को जारी किया नोटिस,
उत्तर प्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने 2 दिन में जिला प्रशासन से मांगा जवाब,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सड़क किनारे मिलने वाले मरीजों का तत्काल समुचित उपचार और शव के समुचित सम्मान के लिए हुकूमत से दिशा निर्देश जारी करने को कहा ।
घटना के बाद एक दारोगा दो सिपाही और नगर पालिका के 4 कर्मचारी हो चुके हैं निलंबित,
लखनऊ( हमीदुल्लाह सिद्दीकी)
बलरामपुर जनपद में एक मृत व्यक्ति की लाश को कूड़ा गाड़ी से उठाकर ले जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है । राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करते हुए सड़क किनारे मिलने वाले मरीजों/ मृतकों की समुचित देखभाल व सम्मान के लिए हुकूमत से दिशा निर्देश जारी करने को कहा है

तो उत्तर प्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने 2 दिन में जिला प्रशासन से जवाब मांगा है। राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य कुंवर इकबाल हैदर ने बलरामपुर के डीएम एसपी को पत्र जारी करते हुए कहा है कि यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है और सरकार की मंशा के खिलाफ है ।

हालांकि घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन ने एक दारोगा दो सिपाही और नगर पालिका के 4 कर्मचारियों को निलंबित करते हुए मामले की जाँच एसडीएम और सीओ को सौंप दी है ।
याद रहे कि उतरौला तहसील के गेट पर दिनांक 10 जून 2020 कोउतरौला में अनवर अली पुत्र बकरीदी उम्र करीब 45 वर्ष निवासी ,ग्राम- सहजौरा थाना सादुल्लानगर, जनपद-बलरामपुर का शव मिला था। पुलिस द्वारा पंचायतनामा की कार्यवाही कर शव को परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया था मगर सोशल मीडिया पर वायरल वीडिओ में नगरपालिका के कर्मचारीगण द्वारा उपरोक्त मृतक के शव को कूड़ा ढोने वाली गाड़ी में ले जाते हुए देखा गया। वीडियो में वहां पर एक उपनिरीक्षक एवं दो आरक्षी भी उपस्थित दिखाई दिए।प्रकरण का तत्काल संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी बलरामपुर एवं पुलिस अधीक्षक बलरामपुर द्वारा इसकी संयुक्त जाँच SDM उतरौला और CO उतरौला को दी साथ ही उपरोक्त वीडियो में दिख रहे पुलिस के एक उपनिरीक्षक रविन्द्र कुमार रमन, दो आरक्षियों शुभम पटेल व शैलेन्द्र शर्मा तथा चार नगर पालिका के कर्मचारियों को प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।


