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अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए सरकार पूरी तरह संवेदनशील-मनोज सिंह
उ0प्र0 राज्य हज समिति कार्यालय में स्थापित ई-सुविधा केन्द्र का शुभारम्भ

सभी जिलों में खोले गये ई-सुविधा केन्द्र/हज फैसिलिटेशन केन्द्र,
आज़मीन-ए-हज के आवेदन भरे जायेंगे आनलाईन और निःशुल्क,
उर्दू IAS स्टडी सेंटर अल्पसंख्यक कल्य़ाण विभाग की निगरानी में चलाए जाने का इरादा,
अल्पसंख्यक बाहुल्य ज़िलों में छात्रावास निर्माण पर विचार,
NCERT की किताबें 15 दिनों में मुहय्या कराने का निर्देश
लखनऊ (हमीद सिद्दीकी)
उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव मनोज सिंह का कहना है कि राज्य सरकार अल्पसंख्यकों के कल्याण के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। अल्पसंख्यकों के समग्र विकास के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस बार हज पर जाने वाले लोगों के आवेदन पत्र आनलाइन स्वीकार किये जायेंगे। इसके लिए ई-सुविधा केन्द्र/हज फैसिलिटेशन केन्द्र सभी जिलों में खोले गये हैं। उ0प्र0 राज्य हज समिति लखनऊ के कार्यालय में स्थापित ई-सुविधा केन्द्र का शुभारम्भ करते हुए उन्होंने कहा कि सभी केन्द्रों पर इच्छुक यात्रियों के आवेदन निःशुल्क भरे जायेंगे। जिलों में यदि किसी कारणवश यात्रियों को आवेदन करने में कोई असुविधा होती है, तो वह भी लखनऊ स्थित केन्द्र की सहायता ले सकते हैं। उन्होंने ने बताया कि इस बार के हज के लिए वाराणसी और ग़ाज़ियाबाद के हज हाऊस का इस्तेमाल बेहतर तरीके से होने के सभी उपाय कर लिए गए हैं और आगे चलकर प्रयागराज में भी हज हाऊस के निर्माण की संभावना तलाश की जा रही है।
प्रमुख सचिव ने कहा कि हज-2020 आवेदन आनलाइन भरने की अन्तिम तिथि 10 नवम्बर 2019 तक निर्धारित की गयी है। हज सम्बन्धी आवेदन पत्र प्रातः 10:30 बजे से सायं 5:00 बजे तक प्रत्येक कार्य दिवस में भरे जायेंगे। उन्होंने आवेदन करने वाले इच्छुक आवेदकों से कहा कि वे आवेदन करने हेतु अपने साथ अपना एण्डरायड फोन, पासपोर्ट की प्रति, पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ, बैंक डिटेल (एटीएम कार्ड/बैंक पासबुक 300/- रू0 प्रति यात्री जमा रसीद) अपने साथ अवश्य लाये, तभी आनलाइन आवेदन किया जाना सम्भव हो सकेगा।
मीडिया से बात करते हुए मनोज सिंह ने विभाग की दीगर कई योजनाओं का भी ज़िक्र किया और कहा कि प्रदेश और केंद्र सरकार की ओर से अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए किसी भी तरह का कोई भेदभाव नहीं बरता जा रहा है। वित्त विकास निगम के लिए पैसा जारी हो चुका है जिन से अल्पसंख्यकों को रोज़गार से जोड़ने में मदद मिलेगी । मदरसा शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए भी कई प्रयोग किए गए हैं साथ ही आईएएस-पीसीएस की कोचिंग की और बेहतर सुविधा मुहय्या कराके प्रशासनिक सेवा में अल्पसंख्यकों की नुमाईंदगी बढ़ाने पर ज़ोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लखनऊ के मोहान रोड पर स्थित उर्दू आईएएस स्टडी सेंटर को यूपी उर्दू अकादमी के बजाए अल्पसंख्यक कल्य़ाण विभाग की निगरानी में चलाए जाने पर ग़ौर किया जा रहा है । अल्पसंख्यक बाहुल्य ज़िलों में छात्रावास निर्माण के प्लान पर भी विचार किया जा रहा है ताकि दूर-दराज़ गांवों के होनहार छात्र,जिला मुख्यालय पर रह कर बेहतर शिक्षा हासिल कर सकें। प्रमुख सचिव ने एनसीईआरटी की किताबों को सभी अनुदानित मदरसों को 15 दिनों के अंदर मुहय्या कराने के लिए भी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया


