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भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने शुरू की आधुनिकीकरण योजना के तहत संचालित मदरसों की जांच.
गोंडा जिले से मांगा पिछले 9 सालों का रिकॉर्ड.

लखनऊ (हमीद सिद्दीकी)
मदरसा आधुनिकीकरण योजना में भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने शुरू कर दी है। योजना से लाभान्वित गोंडा जिले के समस्त मदरसों का रिकार्ड मांगा गया है। संगठन ने वित्तीय वर्ष 2010-11 से वित्तीय वर्ष 2018-19 यानि 9 सालों का रिकॉर्ड अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से तलब किया है।खासकर शमीम बाबू के कार्यकाल में हुए काले कारनामों की तफतीश की जाएगी । जांच एजेंसी ने जनपद के सभी मदरसों,शिक्षकों के नाम-पते व बैंक खातों की डिटेल मांगी है। प्राप्त शिकायतों के अनुसार जनपद गोंडा में कई मदरसे धरातल पर मौजूद नहीं हैं तो कई मदरसे सरकार से आच्छांदित भी नहीं हैं उसके बावजूद उनको भुगतान किया जाता रहा है । इसके अतिरिक्त बहुत से मदरसों का जरूरी मानक भी पूरा नहीं हैं और उन्हें मान्यता भी दे दी गई है ।
विभागीय सूचना के अनुसार गोंडा जनपद में 338 केंद्र पुरोनिधानित/आछांदित मदरसे हैं, जिनमें स्नातक शिक्षकों की संख्या – 101 और परास्नातक/B.Ed शिक्षकों की संख्या – 813 है। यदि जांच निष्पक्ष और ठोस तरीके से की गई तो न सिर्फ यह उजागर होगा कि कितने फर्जी शिक्षकों के फर्जी खातों में भुगतान किया गया बल्कि दोषी अधिकारी /कर्मचारी जेल के सलाखों के पीछे भी होंगे। भ्रष्टाचार निवारण संगठन की फैजाबाद इकाई द्वारा फिलहाल गोंडा जिले की जांच की जा रही है । इस संबंध में प्रभारी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी पवन कुमार सिंह ने जनपद के समस्त मदरसा प्रबंधक/ प्रधानाचार्य को पत्र लिखकर अपने अपने मदरसों/ शिक्षकों का विवरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है ताकि जांच अधिकारी को जरूरी अभिलेख उपलब्ध कराया जा सके । माना जा रहा है कि भ्रष्टाचार पकड़ में आते ही शासन द्वारा कई अन्य जिलों मे भी जांच कराए जाने की सिफारिश की जा सकती है ।



