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यू.पी. मदरसा शिक्षा परिषद का फर्ज़ी पोर्टल चलाने वाला गिरफ्तार.

यूपी एस.टी.एफ ने जामिया नगर दिल्ली से की गिरफ्तारी..

 

लखनऊ ( मोहम्मद साकिब)
यू.पी मदरसा शिक्षा परिषद का फर्ज़ी पोर्टल चलाने वाला गिरफ्तार कर लिया गया है।यूपी एस.टी.एफ ने जामिया नगर, दिल्ली से बिजनौर निवासी ईशा राही को गिरफ्तार किया है ।ईशा राही मास्टर माईंड बताया जा रहा है ,उसके पास से मोबाईल,कंप्यूटर व अन्य उपकरण बरामद किए गए हैं। आरोपी ने मुंशी,मौलवी की शिक्षा मदरसे से ही हासिल की है । उसके खिलाफ 420,467,468,471 व आईटी एक्ट की धारा 66 सहित कई अन्य धाराओं में केस दर्ज कर के कार्रवाई की जा रही है । इस मामले में विशेष जांच व कार्रवाई के लिए पूर्व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री लक्षमी नारायन चौधरी ,प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण मनोज सिंह ,मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार एस एन पांडे व वरिष्ठ पत्रकार हमीदुल्लाह सिद्दीकी की खास भूमिका रही है।
मदरसा बोर्ड का फर्जी पोर्टल चलाए जाने और आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने की सूचना गत मई माह में ही हमीदुल्लाह सिद्दीकी ने सर्वप्रथम विभाग के मंत्री व प्रमुख सचिव को दी जिस पर संज्ञान लेते हुए न सिर्फ हजरतगंज थाने में एफआईआर कराई गई बल्कि विभाग की ओर से प्रमुख सचिव गृह को पत्र लिख कर मामले की विशेष जांच करा कर कार्रवाई करने की सिफारिश की गई । जिसके उपरांत विशेष सचिव गृह उत्तरप्रदेश शासन(अनुभाग-04)
ने (पत्रांक संख्या 1880 ख/ छ:पु-4-2019,दिनांक08-07-2019) प्रेषित पत्र के माध्यम से अपर पुलिस महानिदेशक-एसटीएफ,लखनऊ को उचित कार्रवाई के लिए आदेश किया ।
याद रहे कि madarsboard.upsdc.gov.in  उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद का अधिकृत पोर्टल है, किंतु यह जानकारी हुई कि  www.upbme.org  नामक फर्जी वेबसाईट बना कर, यूपी मदरसा शिक्षा परिषद की पोर्टल से कतिपय सूचनांए डाउनलोड करके अपलोड की गयी है जिसमे आम लोगों में न केवल भ्रम की स्थिति है बल्की इसके दुरूपयोग की भी संभावनांए है ।
उपरोक्त वेबसाईट के बारे मे एसटीएफ की पूछताछ में अभियुक्त ने बताया की उसने 2016 में PDR solution से  www.upbme.org  नामक डोमेन लेकर वेबसाईट डेवलप की ,जिसको समय समय पर renewal & update करता रहता था।
बहुत सेे लोग उसकी वेबसाईट को उत्तर प्रदेश सरकार का अधिकृत पोर्टल मानते थे ।इस फर्जीवाड़े से उसके सब्सक्राईबर्स व वीवर्स की संख्या काफी बढ़ गई थी और YOUTUBE व Google द्वारा उसे प्रति माह डेढ़ से 2 लाख प्राप्त भी हो जाते थे। उसके बैंक खाते में 69 लाख रुपये जमा हुए हैं जिसके बारे में एसटीएफ की जांच जारी है।

 

 

 

 

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