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शाहजहांपुर: चिन्मयानंद गिरफ्तार, आज कोर्ट में पेशी, कहा- अपने किए पर हूं शर्मिंदा

शाहजहांपुर. लॉ कॉलेज की छात्रा के यौन शोषण मामले में आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता चिन्मयानंद को शुक्रवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) ने गिरफ्तार किया। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है। चिन्मयानंद ने एसआईटी से पूछताछ में कहा, ‘अपने किए पर शर्मिंदा हूं।’ 8 साल पहले भी चिन्मयानंद पर उनकी शिष्या ने दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। लेकिन, गिरफ्तारी से बचने के लिए वह हाईकोर्ट चले गए थे, जहां उन्हें राहत मिल गई थी। चिन्मयानंद का सन्यास से सियासत और फिर सलाखों के पीछे तक के सफर पर एक नजर-
चिन्मयानंद का असली नाम कृष्णपाल
- उप्र के गोंडा में 3 मार्च, 1947 को चिन्मयानंद का जन्म हुआ था। असली नाम कृष्णपाल सिंह है। इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई गांव में की। इसके बाद मनकापुर से आईटीआई भी किया। एक दिन अचानक वे अपने घर से किसी को बिना कुछ बताए निकल गए।
- इसके बाद चिन्मयानंद ने लखनऊ विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल की। 70 के दशक में चिन्मयानंद हरिद्वार चले गए, जहां उन्होंने स्वामी शुकदेवानंद के परमार्थ आश्रम में अपना डेरा जमाया और स्वामी धर्मानंद से सन्यासी बनने की दीक्षा ली। चिन्मयानंद को हरिद्वार से श्री दैवी संपद मंडल के निर्देश पर शाहजहांपुर भेजा गया। 80 के दशक में चिन्मयानंद शाहजहांपुर आ गए।
- तीन बार सांसद और वाजपेयी सरकार में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री रहे चिन्मयानंद के राजनीतिक रसूख के चलते संस्थानों का विकास खूब हुआ। चिन्मयानंद, स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय को यूनिवर्सिटी बनाने वाले थे। चिन्मयानंद विश्व हिंदू परिषद से हैं। वे गंगा रक्षा समिति के अध्यक्ष और रामजन्म भूमि संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संयोजक भी रहे।
- बोडो आंदोलनकारियों के आत्मसमर्पण कराने के लिए ग्लोबल स्टडीज अमेरिका ने चिन्मयानंद को विश्व शांति अवार्ड दिया था।
बदायूं से पहली बार संसद पहुंचे
राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने के चलते चिन्मयानंद भाजपा के करीब आ गए। भाजपा ने साल 1991 में चिन्मयानंद को पहली बार बदायूं से चुनाव मैदान में उतारा। वे चुनाव जीतकर संसद पहुंच गए। इसके बाद साल 1998 में मछलीशहर और 1999 में जौनपुर से सांसद चुने गए। साल 2004 में भी चिन्मयानंद को जौनपुर से टिकट मिला। लेकिन इस बार वे हार गए थे।
शिष्या ने लगाया था दुष्कर्म का आरोप
8 साल पहले भी चिन्मयानंद पर उनकी शिष्या ने दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। शिष्या को चिन्मयानंद का बेहद करीबी बताया जाता था। वह उनके साथ आश्रम में रहती थी। शिष्या ने आरोप लगाया था कि आश्रम में रहने के दौरान चिन्मयानंद ने कई बार रेप किया। चिन्मयानंद गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट चले गए थे, जहां उन्हें राहत मिल गई थी। पिछले साल योगी सरकार ने आठ साल पुराने इस मामले को वापस लेने का फैसला किया था। इसके लिए 6 मार्च 2018 को शाहजहांपुर प्रशासन को पत्र लिखा गया। लेकिन, अभी तक केस वापस नहीं लिया गया।
लॉ छात्रा के केस में कब-कब क्या हुआ?
- 23 अगस्त- एसएस लॉ कॉलेज की 23 वर्षीय छात्रा अचानक अपने हॉस्टल से लापता हुई।
- 24 अगस्त- छात्रा का एक वीडियो सामने आया, जिसमें उसने अपहरण, यौन शोषण का आरोप स्वामी चिन्मयानंद पर लगाया।
- 25 अगस्त- छात्रा के पिता ने चिन्मयानंद के खिलाफ अपहरण और आपराधिक धमकी का मामला दर्ज कराने के लिए पुलिस को तहरीर दी।
- 26 अगस्त- स्वामी चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने पांच करोड़ की फिरौती मांगने के मामले में अज्ञात पर रिपोर्ट दर्ज कराई। उसी दिन छात्रा की बरामदगी के लिए तीन टीमें गठित की गईं।
- 27 अगस्त- स्वामी चिन्मयानंद व अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई।
- 30 अगस्त- छात्रा को उसके एक दोस्त के साथ पुलिस ने राजस्थान से बरामद कर लिया। उसी दिन छात्रा को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया।
- 12 सितंबर- एसआईटी ने स्वामी चिन्मयानंद से करीब सात घंटे तक पूछताछ की। उनके शाहजहांपुर से बाहर जाने पर भी रोक लगा दी गई है।
- 16 सितंबर- शाहजहांपुर में जेएम प्रथम कोर्ट में छात्रा का कलमबंद बयान दर्ज किया गया। उसी दिन स्वामी चिन्मयानंद की हालत अचानक बिगड़ गई।
- 18 सितंबर- चिन्मयानंद के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज न होने से नाराज छात्रा अपने पिता व भाई के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंची। स्वामी की गिरफ्तारी नहीं होने पर खुदकुशी करने की धमकी दी।
- 19 सितंबर- स्वामी चिन्मयानंद की हालत ज्यादा बिगड़ने पर मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया, जहां से उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया गया।
- 20 सितंबर- एसआईटी ने चिन्मयानंद को उनके आश्रम से गिरफ्तार कर लिया। चिन्मयानंद ने एसआईटी की पूछताछ में अपना जुर्म स्वीकार किया।



