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मंदी से निपटने के लिए RBI देगा 1.76 लाख करोड़ रुपए की मदद.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से भारत सरकार (Government of India) को 1.76 लाख करोड़ रुपए की सहायता देने का फैसला किया है. RBI ने बिमल जालान पैनल के सुझावों को मंजूरी दे दी है. बिमल जालान (Bimal Jalan committees recommendations) की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट में आरबीआई के सरप्लस कैश रिजर्व के ट्रांसफर का समर्थन किया था और सलाह दी थी कि इसका इस्तेमाल सरकार की मदद के लिए किया जाना चाहिए. RBI अपने रिजर्व कैश का कुल 28% सरकार की मदद के लिए देने के लिए राजी हो गया है.

सरकार को कितने पैसे मिलेंगे
RBI बोर्ड ने भारत सरकार को 1,76,051 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने की मंजूरी दे दी. RBI ने सरप्लस ट्रांसफर को मंजूरी दे दी है. सरप्लस रकम 1,23,414 करोड़ रुपए होगी. कॉन्टिजेंसी फंड, करेंसी तथा गोल्ड रवैल्यूएशन अकाउंट को मिलाकर आरबीआई के पास 9.2 लाख करोड़ रुपये का रिजर्व है, जो केंद्रीय बैंक के टोटल बैलेंस शीट साइज का 25 फीसदी है.

कब तक मिलेगा पैसा
RBI अपने सरप्लस कैश को चरणबद्ध तरीके से 3 से 5 साल में सरकार को ट्रांसफर करेगा. इससे चरणबद्ध तरीके सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों की मदद और बाज़ार में कैश फ्लो बढ़ाने में मदद मिलेगी.आरबीआई द्वारा सरप्लस ट्रांसफर से केंद्र सरकार को सार्वजनिक कर्ज चुकाने तथा बैंकों में पूंजी डालने में मदद मिलेगी. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही सरकारी बैंकों में 70 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डालने की घोषणा कर चुकी हैं, जिससे बाजार में 5 लाख करोड़ रुपये आने की उम्मीद है. सरकार ने बजट में रिजर्व बैंक के लिए 90,000 करोड़ का डिविडेंड प्रस्तावित किया था जबकि पिछले वित्त वर्ष में RBI ने डिविडेंड के तौर पर 68,000 करोड़ चुकाए थे.

कमेटी में कौन-कौन थे शामिल?
रिजर्व बैंक की इस समिति के अहम सदस्यों में RBI के फॉर्मर डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन को वाइस चेयरमैन बनाया गया था. समिति में वित्त सचिव राजीव कुमार, RBI के डिप्टी गवर्नर एन एस विश्वनाथन और RBI के सेंट्रल बोर्ड के दो मेंबर भरतजोशी और सुधीर मनकड़ भी हैं. रिजर्व बैंक का रिजर्व आदर्श तौर पर कितना होना चाहिए. इसके बारे में बताने के लिए इससे पहले तीन समितियां बन चुकी हैं. 1997 में वी सुब्रह्मण्यम, 2004 में ऊषा थोराट और 2013 में वाय एच मालेगाम की अगुआई वाली समिति बनाई गई थी

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