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दिल्ली: यमुना का जलस्तर निशान के ऊपर, इन इलाकों में बाढ़ का खतरा

नई दिल्ली:

राजधानी में 40 साल बाद बड़ी बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। विभिन्न इलाकों को बाढ़ और संभावित तबाही से बचाने के लिए दिल्ली सरकार अलर्ट मोड में है। दिल्ली के सीएम ने अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उनकी सरकार 24 घंटे स्थिति पर नजर बनाए हुई है। उन्होंने लोगों से राज्य सरकार द्वारा बनाए गए टेंट में पहुंच जाने का आग्रह किया है। राज्य सरकार ने लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिया है।

केजरीवाल बोले- है पूरी तैयारी 
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्य सरकार निचले इलाकों से लोगों को निकाल रही है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है कि किसी प्रकार के जान का नुकसान नहीं हो। उन्होंने कहा कि आज मध्य रात्रि से लेकर अगले दो दिन में यमुना में हथिनीकुंड बैराज का पानी पहुंच जाएगा। राज्य सरकार 24 घंटे स्थिति पर नजर बनाए हुई है। केजरीवाल ने लोगों से अपने बच्चों पर ध्यान देने को कहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को हटाने के लिए लगातार मुनादी कराई जा रही है।

हेल्पलाइन नंबर जारी
दिल्ली सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिए हैं। सरकार ने कहा कि आने वाले दो दिन काफी गंभीर हैं। किसी प्रकार की मदद के लिए 011-22421656 और 011- 21210849 पर कॉल की जा सकती है।

बना नया खतरे का निशान
यमुना नदी का जलस्तर सोमवार सुबह 9 बजे 204.70 मीटर पर पहुंच चुका था। यह चेतावनी के निशान 204.50 मीटर के पार है। हालांकि अब खतरे का नया निशान 205.33 मीटर घोषित किया गया है, जिसे यमुना शाम तक पार कर लेगी।


सरकार ने बुलाई आपातकाल बैठक
दिल्ली सरकार ने बाढ़ के खतरे को देखते हुए आपतकालीन बैठक भी बुलाई थी। इसकी अध्यक्षता दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने की थी। यह बैठक एक बजे हुई थी। सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग के अलावा अन्य विभाग भी ऐक्टिव।

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लोहे का पुल बंद
बढ़ते जलस्तर की वजह से लोहे के पुल का ट्रैफिक बंद कर दिया गया है। हालांकि, उसपर से ट्रेनों की आवाजाही फिलहाल जारी है। 12 बजे के बाद यमुना का जल स्तर 204.88 मीटर पर पहुंच गया था।

पार कर सकता है 207 मीटर
केंद्रीय जल आयोग का कहना है कि बैराज से जितना पानी छोड़ा गया है, उससे आशंका है कि यमुना का जलस्तर 207 मीटर को पार कर जाएगा। लेकिन उससे ऊपर कितना बढ़ेगा, उसके बारे में कन्फर्म नहीं कहा जा सकता। 2013 में यह 207.32 मीटर पार हुआ था। अब यह पानी 208 मीटर पहुंचेगा या नहीं, इसको लेकर कुछ कहना जल्दबाजी होगी।

हजारों लोगों को तटीय इलाके से हटाया
मुनादी करवाकर यमुना की तलहटी में बसे लोगों से जगह खाली करवाई जा रही है। सुबह तक करीब 5 हजार लोगों को यमुना किनारे पुश्तों पर लगाए टेंट में शिफ्ट करने का काम चल रहा था।

नाव और गोताखोर तैयार
44 बोट्स के साथ 27 गोताखोरों की टीमों भी अलग-अलग स्थानों पर तैनात है। सोमवार सुबह से अधिकारियों ने खुद बोट में बैठकर यमुना के किनारों का इंस्पेक्शन शुरू कर दिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वहां चेतावनी के बाद भी कोई रह तो नहीं रहा है।

मिट्टी के बोरे से बना रहे दीवार
दिल्ली में बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए प्रसाशन अलर्ट है। आईएसबीटी के कुदसिया घाट पर बाढ़ के पानी को सड़कों पर पहुंचने से रोकने के लिए सुबह वह हरकत में दिखा। मिट्टी बोरों में भरकर दीवार बनाने का काम चल रहा था।

पिछले 40 साल में इतना पानी
हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से रविवार को 8.72 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, यह आज शाम तक दिल्ली पहुंच जाएगा। दिल्ली की तरफ 40 साल बाद इतना पानी छोड़ा गया है। यमुना में इतना पानी अबतक नहीं छोड़ा गया था। 1978 में यमुना में सबसे बड़ी बाढ़ आई थी और तब हरियाणा से 7 लाख क्यूसेक ही पानी छोड़ा गया था।

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