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समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी में जा सकते है ज्योतिरादित्य सिंधिया

बंगलुरू:

नाराज चल रहे गुना से पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के लिए खतरा बन सकते हैं। ऐसी अटकले हैं कि ज्योतिरादित्य अपने समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं और अगर ऐसा हुआ तो मध्य प्रदेश भी कांग्रेस के हाथों से निकल सकती है। इससे पहले कांग्रेसी विधायकों की बगावत के बाद कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार गिर गई थी और बीजेपी के बीएस. येदियुरप्पा कर्नाटक के अगले सीएम बने।

सोशल मीडिया में भी सिंधिया के भाजपा में शामिल होने की अफवाहें तेजी से वायरल हो रही हैं। सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं और मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री भी बन सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार गिर सकती है।

बताया जा रहा है कि इन अफवाहों को भाजपा के कई नेताओं के बयान के बाद बल मिला है। हालांकि वहीं, कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को लोकर सोशल मीडिया में चल रही खबरों को निराधार बताया है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के थे और हमेशा कांग्रेस में रहेंगे। उनके भाजपा में शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं उठता है।

गौरतलब है लोकसभा चुनाव 2019 में ज्योतिरादित्य सिंधिया को गुना सीट हारने के बाद उन्हें पार्टी की ओर से कोई खास तवज्जो नहीं मिल रहा है, जिससे ज्योतिरादित्य सिंधिया काफी नाराज चल रहे हैं, लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए भी अभी सिंधिया का नाम तय नहीं हो सका है।

बंगलुरू। नाराज चल रहे गुना से पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के लिए खतरा बन सकते हैं। ऐसी अटकले हैं कि ज्योतिरादित्य अपने समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं और अगर ऐसा हुआ तो मध्य प्रदेश भी कांग्रेस के हाथों से निकल सकती है। इससे पहले कांग्रेसी विधायकों की बगावत के बाद कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार गिर गई थी और बीजेपी के बीएस. येदियुरप्पा कर्नाटक के अगले सीएम बने।

सोशल मीडिया में भी सिंधिया के भाजपा में शामिल होने की अफवाहें तेजी से वायरल हो रही हैं। सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं और मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री भी बन सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार गिर सकती है।

बताया जा रहा है कि इन अफवाहों को भाजपा के कई नेताओं के बयान के बाद बल मिला है। हालांकि वहीं, कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को लोकर सोशल मीडिया में चल रही खबरों को निराधार बताया है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के थे और हमेशा कांग्रेस में रहेंगे। उनके भाजपा में शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं उठता है।

गौरतलब है लोकसभा चुनाव 2019 में ज्योतिरादित्य सिंधिया को गुना सीट हारने के बाद उन्हें पार्टी की ओर से कोई खास तवज्जो नहीं मिल रहा है, जिससे ज्योतिरादित्य सिंधिया काफी नाराज चल रहे हैं, लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए भी अभी सिंधिया का नाम तय नहीं हो सका है।

माना जा रहा है कि कांग्रेसी आलाकमान की अनदेखी के चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में जाने की संभावना प्रबल हो गई है। इन बातों को हवा तब और मिल गई जब सिंधिया ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले का स्वागत करते हुए मोदी सरकार की प्रशंसा कर दी जबकि राहुल गांधी समेत कांग्रेस के अग्रणी पंक्ति के नेता मोदी सरकार के फैसले का खुलकर विरोध कर रहे थे।

उल्लेखनीय है ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा जम्मू-कश्मीर पर मोदी सरकार के फैसले का समर्थन करने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा परिवार के ही हैं. उनके पिता माधव राव सिंधिया ने पहला चुनाव जनसंघ के चुनाव चिन्ह पर ही जीता था।

बकौल प्रभात झा, ज्योतिरादित्य सिंधिया वैसे तो राहुल गांधी ब्रिगेड के माने जाते हैं, लेकिन राहुल गांधी से ज्यादा बड़ा उन्होंने भारत माता को माना है तो ठीक ही माना है। इससे पहले पूर्व मंत्री जनभान सिंह पवैया भी सिंधिया को भाजपा में शामिल होने का न्यौता भिजवा चुके हैं।

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