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जब किसी मामले का राजनीतिक रंग नहीं होता, सीबीआई तब अच्छा काम क्यों करती है: CJI गोगोई

नई दिल्ली:
भारत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई (Chief Justice of India Ranjan Gogoi) ने मंगलवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) के एक कार्यक्रम में सवाल किया कि ऐसा क्यों होता है कि जब किसी मामले का कोई राजनीतिक रंग नहीं होता, तब सीबीआई (CBI) अच्छा काम करती है.
न्यायमूर्ति गोगोई ने दो वर्ष के अंतराल के बाद आयोजित किए गए डीपी कोहली स्मृति व्याख्यान के 18वें संस्करण में एजेंसी की कमियों और ताकतों के बारे में स्पष्ट बात की और उसे आगे बढ़ने के बारे में सलाह भी दी.
उन्होंने कहा, ‘‘यह सच है, कि कई हाई प्रोफाइल और संवेदनशील मामलों में एजेंसी न्यायिक जांच (Judicial Investigation) के मानकों को पूरा नहीं कर पाई है. यह बात भी उतनी ही सच है कि इस प्रकार की खामियां संभवत: कभी-कभार नहीं होती. ’’
न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि इस प्रकार के मामले प्रणालीगत समस्याओं को उजागर करते हैं और संस्थागत आकांक्षाओं, संगठनात्मक संरचना, कामकाज की संस्कृति और शासी राजनीति के बीच समन्वय की गहरी कमी की ओर संकेत करते हैं.
बिना राजनीतिक रंग वाले मामलों में बेहतर काम करती है CBI
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा क्यों है कि जब किसी मामले का कोई राजनीतिक रंग नहीं होता, तब सीबीआई अच्छा काम करती है. इसके विपरीत स्थिति के कारण विनीत नारायण बनाम भारत संघ मामला सामने आया, जिसमें उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने एजेंसी की सत्यनिष्ठा की रक्षा करने के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश तय किए.’
खाली पदों पर गोगोई ने जताई चिंता
गोगोई ने सीबीआई में मौजूदा रिक्तियों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जांच एजेंसी में 15% कार्यकारी पद खाली हैं, टेक्निकल यूनिट्स में 28% पद खाली हैं और इसके कानूनी विभाग में यह आंकड़ा 50% है. उन्होंने कहा कि काम का ओवरबर्डन होता है, सीबीआई में अपर्याप्त निवेश जांच को प्रभावित करता है.



