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कश्मीर की मस्जिदों का मांगा गया ब्योरा…

नई दिल्ली:

कश्मीर में किसी बड़े फैसले की सुगबुगाहट के बीच एक आदेश में श्रीनगर के पांच जोनल पुलिस अधीक्षकों से शहर में स्थित मस्जिदों और उनकी प्रबंध समितियों की सूची उपलब्ध कराने को कहा गया है। इससे एक बार फिर ये कयास तेज हो गए हैं कि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के संबंध में कुछ बड़े फैसले किए जा सकते हैं।

श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा रविवार रात जोनल पुलिस अधीक्षकों को जारी किए गए आदेश के मुताबिक, ‘दिए गए प्रारूप में अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली मस्जिदों और प्रबंध समितियों के बारे में विवरण इस कार्यालय को तत्काल उपलब्ध कराएं जिससे उसे उच्चाधिकारियों को भेजा जा सके।’ सोशल मीडिया पर प्रचारित हो रहे इस आदेश के बाद उन अटकलों को बल मिला है कि केंद्र की योजना अनुच्छेद 35ए को खत्म करने की हो सकती है। इस अनुच्छेद के तहत राज्य के निवासियों को सरकारी नौकरियों और जमीन संबंधी मामलों में खास अधिकार मिले हुए हैं।

अफवाह फैलाने वाली घटनाओं की जांच होगी : सलाहकार

राज्यपाल के सलाहकार के विजय कुमार का कहना है कि वह सोशल मीडिया पर फैल रही हर अफवाह को काउंटर नहीं कर सकते। अफवाह फैलाने वाली घटनाओं की जांच की जाएगी। मस्जिदों के संबंध में मांगे गए ब्योरे के बाबत कहा कि अगर कोई सोशल मीडिया पर अफवाह फैला रहा है तो फिर मैं इसे काउंटर नहीं करूंगा, यह उचित नहीं होगा। मैं यह कहना चाहता हूं कि आखिर इस अफवाह के पीछे का क्या सोर्स है।

अतिरिक्त सुरक्षाबलों को लाना सोच समझकर उठाया गया कदम है। यहां मौजूद सिक्योरिटी ग्रिड में बढ़ोतरी करने की जरूरत पड़ी तो विचार विमर्श करके इस कदम को उठाया गया है। यह पहले से बनाई गई योजना का हिस्सा है जो पाइपलाइन में था। सोशल मीडिया के जरिये फैल रही अफवाहों पर कहा कि मेरे लिए यह उचित नहीं होगा कि मैं हर बार खंडन करता रहूं।

इसके लिए उचित प्राधिकारी और प्रवक्ता हैं जो करेंगे। सोशल मीडिया पर अफवाहबाजी चलती रहती है और अगर हम हर बार प्रतिक्रिया देते रहे तो यह उन ताकतों को और मजबूत करेगा जो इसके पीछे हैं। घाटी में बडे़ हमले को लेकर दिल्ली से आए इनपुट को लेकर पूछे गए सवाल का उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

अफवाह फैलाने वाली घटनाओं की जांच होगी : सलाहकार

राज्यपाल के सलाहकार के विजय कुमार का कहना है कि वह सोशल मीडिया पर फैल रही हर अफवाह को काउंटर नहीं कर सकते। अफवाह फैलाने वाली घटनाओं की जांच की जाएगी। मस्जिदों के संबंध में मांगे गए ब्योरे के बाबत कहा कि अगर कोई सोशल मीडिया पर अफवाह फैला रहा है तो फिर मैं इसे काउंटर नहीं करूंगा, यह उचित नहीं होगा। मैं यह कहना चाहता हूं कि आखिर इस अफवाह के पीछे का क्या सोर्स है।

अतिरिक्त सुरक्षाबलों को लाना सोच समझकर उठाया गया कदम है। यहां मौजूद सिक्योरिटी ग्रिड में बढ़ोतरी करने की जरूरत पड़ी तो विचार विमर्श करके इस कदम को उठाया गया है। यह पहले से बनाई गई योजना का हिस्सा है जो पाइपलाइन में था। सोशल मीडिया के जरिये फैल रही अफवाहों पर कहा कि मेरे लिए यह उचित नहीं होगा कि मैं हर बार खंडन करता रहूं।

इसके लिए उचित प्राधिकारी और प्रवक्ता हैं जो करेंगे। सोशल मीडिया पर अफवाहबाजी चलती रहती है और अगर हम हर बार प्रतिक्रिया देते रहे तो यह उन ताकतों को और मजबूत करेगा जो इसके पीछे हैं। घाटी में बडे़ हमले को लेकर दिल्ली से आए इनपुट को लेकर पूछे गए सवाल का उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

अतिरिक्त कंपनियां भेजे जाने से अटकलें शुरू

केंद्र द्वारा अर्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों को घाटी में भेजे जाने के बाद कश्मीर में ऐसी अटकलों का दौर शुरू हो गया है। मुख्यधारा के दलों ने कश्मीर को मिले विशेष दर्जे से किसी तरह की छेड़छाड़ के विरोध का आह्वान किया है।

इससे पहले शनिवार को बडगाम में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ ) के एक अधिकारी ने अपने कर्मचारियों से कहा था कि कश्मीर घाटी में लंबे समय के लिए हालात खराब होने के पूर्वानुमान को देखते हुए वे कम से कम चार महीने के लिए अपने घरों में राशन का भंडारण कर लें और दूसरे कदम उठा लें। इससे भी इन चर्चाओं को बल मिला।

नेशनल कांफ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ऐसे संदेश के पीछे मकसद की जानकारी चाही। अब्दुल्ला ने पूछा कि ऐसे आधिकारिक आदेश जो घाटी में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका जताते हों और गड़बड़ी के लंबे समय तक बने रहने का पूर्वानुमान देते हों उनका क्या, सरकार चुप क्यों है।

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी संविधान के अनुच्छेद 35ए को रद्द करने को लेकर केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा कि राज्य के विशेष दर्जे या पहचान से किसी तरह की छेड़छाड़ बारूद को आग दिखाने जैसा होगा। अगर कोई हाथ अनुच्छेद 35ए को छूने की कोशिश करेगा तो सिर्फ हाथ ही नहीं बल्कि पूरा शरीर खाक हो जाएगा।

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को अब्दुल्ला और मुफ्ती पर घाटी में अतिरिक्त बलों की तैनाती पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि तैनाती एक सामान्य प्रक्रिया और नियमित कवायद है।

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