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करगिल विजय दिवस समारोह में बोले पीएम मोदी- युद्ध सरकारें नहीं लड़तीं, पूरा देश लड़ता है

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में हो रहे कारगिल विजय दिवस समारोह में पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे. यहां प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री ने एक प्रदर्शनी को भी देखा. इससे पहले दोनों ने कारगिल पर आधारित एक फिल्म भी देखी.
सेना के जवानों ने प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री की मौजूदगी में अदम्य साहस और शौर्य से भरी हुई एक संगीतमय प्रस्तुति भी दी. समारोह के दौरान जवानों द्वारा सीमा पर शहीद हुए जवानों की वीरगाथा प्रस्तुत की गई. करगिल विजय दिवस समारोह के दौरान जब एक शहीद की पत्नी को सम्मानित करने के लिए स्टेज पर लाया गया तो उनकी कहानी सुनकर पीएम मोदी भावुक हो गए. पीएम मोदी के साथ-साथ आर्मी चीफ के साथ अन्य लोग भी भावुक हो गए.
1999 में हमने पाकिस्तान का सीना छलनी किया
पीएम मोदी ने सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन लागू हमने किया. इस बार भी हमने सरकार के बनते ही सबसे पहले सैनिकों के बच्चों की स्कॉलरशिप बढ़ाने का काम किया. हमने देश को वॉर मेमोरियल समर्पित किया. पाकिस्तान हमेशा से हमारे साथ हमेशा ही छल करता रहा है. लेकिन 1999 में हमने पाक के छल को छलनी कर दिया.
पीएम मोदी ने कहा, जब मैं इजरायल जाता हूं तो वहां की सरकार हमें हमारी सैनिकों की फोटो दिखाती है. फ्रांस की सरकार दूसरे विश्वयुद्ध में भारतीय सैनिकों के बलिदान को याद करती है. राष्ट्र हित में न काम किसी के प्रभाव में होगा, न दबाव में होगा और न ही किसी अभाव में होगा. सुरक्षा के लिए हमने कदम उठाए हैं और उठाते रहेंगे. समुद्री सीमा में जहां भी जरूरत होगा, भारत अपने अधिकारों का इस्तेमाल करेगा. सेना को हम आधुनिक बनाने जा रहे हैं. आने वाले समय में सेना को आधुनिकतम सामान मिलने वाला है. हम आधुनिक अस्त्र शस्त्र मंगा रहे हैं.
भारत कभी आक्रांता नहीं रहा
पीएम मोदी ने कहा, भारत का इतिहास गवाह है कि भारत कभी आंक्राता नहीं रहा है. मानवता के हित में शांतिपूर्ण आचरण हमारे संस्कारों में है. हमारा देश इसी नीति पर चला है. भारत में हमारी सेना की छवि देश की रक्षा की है तो विश्व में हम मानवता और शांति के रक्षक भी हैं.
करगिल युद्ध के समय अटल जी ने कहा था कि हमारे पड़ोसी को लगता था कि करगिल को लेकर भारत प्रतिरोध करेगा, विरोध प्रकट करेगा और तनाव से दुनिया डर जाएगी. लेकिन हम जवाब देंगे, प्रभावशाली जवाब देंगे उसकी उम्मीद उनको नहीं थी. रोने गिड़गिड़ाने के बजाय प्रभावी जवाब देने का यही रणनीतिक बदलाव दुश्मन पर भारी पड़ गया.
आज लड़ाइयां अंतरिक्ष तक पहुंच गई हैं और साइबर स्तर पर भी लड़ी जाती है. इसलिए सेना को आधुनिक बनाना हमारी प्राथमिकता है. जल, थल, नभ सभी जगह हमारी सेना अपने उच्चतम शिखर को प्राप्त करने का सामर्थ्य रखे और आधुनिक बने, ये हमारा प्रयास है.कारगिल विजय के 20 साल पूरे होने पर देश भर में समारोह आयोजित किए जा रहे हैं. दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में ये समारोह इसी कड़ी में आयोजित किया गया था.



