Flash Newsउत्तर प्रदेशब्रेकिंग न्यूज़लखनऊसमाचार

सीएम योगी ने लिया बड़ा फैसला, कर्मचारियों पर संकट..

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार जल्द ही सरकारी विभागों की संख्या घटाने का फैसला कर सकती है। विभागों के पुनर्गठन के लिए बनी समिति की सिफारिशों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ संशोधनों के साथ मंजूरी दे दी है। पुनर्गठन के तहत सचिवालय पर राज्य सरकार के विभागों की संख्या 93 से घटाकर 44 करने की सिफारिश है।

नीति आयोग ने एक समान कार्यपद्धति वाले विभागों के एकीकरण का सुझाव राज्य सरकार को दिया था, जिस पर सरकार ने कमेटी गठित की थी। अब कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाएगा। सचिवालय स्तर पर राज्य सरकार के विभागों के पुनर्गठन के लिए वरिष्ठ आईएएस संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते शुक्रवार को संस्तुति दे दी थी।

समिति की रिपोर्ट का परीक्षण सचिवालय प्रशासन विभाग कर रहा है। परीक्षण के साथ ही इसे कैबिनेट के सामने रखने का प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है। प्रस्ताव तैयार करने से पूर्व वित्त, न्याय, कार्मिक जैसे विभागों की संस्तुति की जानी है। बताया जाता है कि मंत्रिपरिषद की अगली बैठक में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। वहीं विभाग के एकीकरण को लेकर आ रही खबरों पर अधिकारियों और कर्मचारियों के सामने नया संकट खड़ा हो गया है। उनके सामने संशय की स्थित बन रही है।

एक समान कार्यपद्धति वाले विभागों को मिलाकर एक करने की सिफारिश है। मर्जर के बाद ऐसे विभागों की संख्या 27 रखने की सिफारिश की बातें सामने आ रही हैं। जैसे- लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल और परती भूमि विकास को मिलाकर एक करना। पशुधन, मत्स्य व दुग्ध विकास का विलय। ग्राम्य विकास, समग्र ग्राम्य विकास, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा तथा पंचायती राज का विलय। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग तथा निर्यात प्रोत्साहन, खादी एवं ग्रामोद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग को एक साथ किया जाना।

अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, निजी पूंजी निवेश, एनआरआई तथा मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग का विलय। आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का एक किया जाना। राज्य संपत्ति, नागरिक उड्डयन और प्रोटोकॉल का विलय। नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन तथा आवास एवं शहरी नियोजन का एकीकरण। व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा तथा सेवायोजन का विलय। पर्यटन, संस्कृति, भाषा और धर्मार्थ कार्य को मिलाकर एक विभाग बढनाने का फैसला सरकार ले सकती है।

समिति ने समान कार्य पद्धति वाले विभागों के विलय की सिफारिश की है। बताया जाता है कि शासन स्तर पर आयुक्त के 6 पद प्रस्तावित किए गए हैं। वर्तमान में आयुक्त के 3 पद ही हैं। सिफारिश लागू होने पर शासन स्तर पर शिक्षा आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त और राज्य संसाधन आयुक्त के 3 पद बढ़ जाएंगे। श्रम और खाद्य एवं रसद विभाग के क्षेत्राधिकार में कटौती की सिफारिश है।

विभागों के पुनर्गठन से शासन स्तर पर होने वाले फैसले तेजी से लिए जा सकेंगे। विभागों की संख्या कम होने पर अपर मुख्य सचिव के अधिकारी विभागों के मुखिया होंगे। जनहित से जुड़े फैसले लेने में सरकार को फाइलों को कई स्तर पर नहीं दौड़ाना पड़ेगा। शासन के कार्यों में पारदर्शिता भी आएगी। इसके साथ ही मंत्रियों के विभागों में भी बदलाव होना तय माना जा रहा है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker