विशेषज्ञों ने 5 समूहों में, मैक्रो-इकॉनमी, रोजगार, कृषि, जल संसाधन, निर्यात, एजुकेशन और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर सुझाव दिए
यह बैठक हाल में जारी जीडीपी वृद्धि के आंकड़े जारी होने के बाद हुई है, बेरोजगारी 45 साल के उच्च स्तर 6.1 प्रतिशत पर पहुंच गई
हाल ही में पीएम ने कहा था कि भारत को साल 2024 तक 5 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य बड़ी चुनौती है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ आर्थिक हालातों पर चर्चा की। देश के विकास को गति देने और रोजगार सृजन के लिए आर्थिक नीति की रूपरेखा तैयार करने के लिए पीएम ने 40 से अधिक अर्थशास्त्रियों के साथ विचार-विमर्श किया। ‘आर्थिक नीतियां- आगे का रास्ता’ थीम पर इस बैठक का आयोजन नीति आयोग ने किया था। विशेषज्ञों ने 5 समूहों में, मैक्रो-इकॉनमी, रोजगार, कृषि, जल संसाधन, निर्यात, एजुकेशन और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर अपने सुझाव दिए। यह बैठक हाल में जारी जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि के आंकड़े जारी होने के बाद हुई है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़े के अनुसार, कृषि और विनिर्माण क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन के कारण 2018-19 की चौथी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 5.8 प्रतिशत रही, जो 5 साल का न्यूनतम स्तर है। सीएसओ के आंकड़े में यह भी कहा गया है कि 2017-18 में बेरोजगारी 45 साल के उच्च स्तर 6.1 प्रतिशत पर पहुंच गई। पिछले कार्यकाल में बेरोजगारी के मोर्चे पर सरकार को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। विपक्ष ने चुनाव में इसे बड़ा मुद्दा बनाया था। बैठक इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि यह बजट से पहले हो रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को बजट पेश करेंगी। माना जा रहा है कि देश के आर्थिक विकास को गति देने के लिए वित्त मंत्री अर्थशास्त्रियों से मंथन के बाद कुछ बड़े कदम उठा सकते हैं।