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बिहार के 3.5 लाख नियोजित टीचर्स को नहीं मिलेगा समान वेतन, SC ने पलटा HC का आदेश

नई दिल्ली:
बिहार के 3.5 नियोजित शिक्षकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिहार में राजनीति गरम हो गई है. सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले, जिसमें उसने पटना हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया है, पर टिप्पणी करते हुए राजद सांसद और लालू प्रसाद की बड़ी बेटी मीसा भारती ने कहा कि हम लोगों की सरकार आई तो हम लोग शिक्षकों की हर मांग को पूरा करेंगे.
मीसा के इस बयान पर बिहार के शिक्षा मंत्री ने तुरंत पलटवार किया. बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने शिक्षकों के जख्म पर मरहम लगाते हुए कहा कि हमारी सरकार सदैव से ही शिक्षकों के साथ है. वर्मा ने कहा कि आपके साथ आगे आने वाले दिनों में हितों को ख्याल रखते हुए उचित कदम उठाया जाएगा. शिक्षा मंत्री ने बिहार के शिक्षकों से फिलहाल संयमित रहने की अपील की. मीसा भारती के बयान पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभी दो चरण का चुनाव बाकी है और इस चुनाव को देखते हुए लोग तरह-तरह की बयानबाजी करेंगे.
उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों की असली शुभचिंतक हमारी सरकार और नीतीश कुमार है न कि कोई दूसरा. कोर्ट के फैसले पर जीतन राम मांझी की पार्टी हम की भी प्रतिक्रिया आई है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कोर्ट के इस फैसले पर दुख जताते हुए कहा कि जीतन राम मांझी ने शिक्षकों को समान काम समान वेतन लागू कर दिया था. निजी स्कूल मालिकों की मिलीभगत से नीतीश कुमार ने शिक्षकों के समान काम समान वेतन का फैसला पलटा है. दानिश ने कहा कि हमारी सरकार बनी तो शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन मिलेगा साथ ही कांट्रेक्ट कर्मियों को भी हमारी सरकार नियमित करेगी.
10 साल पुरानी है बिहार के नियोजित शिक्षकों की लड़ाई, पक्ष में फैसला आने से दोगुनी होती सैलरी
सात महीने बाद आने वाले इस फैसले का सीधा असर बिहार के पौने चार लाख शिक्षकों और उनके परिवार वालों पर पड़ेगा. बिहार के नियोजित शिक्षकों का वेतन फिलहाल 22 से 25 हजार है और अगर कोर्ट का फैसला शिक्षकों के पक्ष मे आता, तो माना जा रहा था कि उनका वेतन 35-40 हजार रुपये हो जाती. शिक्षकों की इस लड़ाई में देश के दिग्गज वकीलों ने उनका पक्ष कोर्ट में रखा.ये लड़ाई 10 साल पुरानी है, जब 2009 में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने बिहार में नियोजित शिक्षकों के लिए समान काम समान वेतन की मांग पर एक याचिका पटना हाइकोर्ट में दाखिल की थी.



