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जेट एयरवेज के कर्मचारी ने की आत्महत्या, ‘आर्थिक दिक्कतों’ के वजह से था परेशान.

नई दिल्ली:
जेट एयरवेज के एक वरिष्ठ तकनीशियन ने महाराष्ट्र के पालघर में अवसाद की वजह से कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। कर्मचारी कैंसर से पीड़ित था। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने बताया कि 45 वर्षीय शैलेष सिंह ने शुक्रवार वको नालासोपारा ईस्ट में स्थित अपनी चार मंजिला इमारत से छलांग लगा दी।
जेट एयरवेज स्टाफ एंड एम्पलॉइज एसोसिएशन ने बताया कि सिंह ‘आर्थिक दिक्कतों’ का सामना कर रहे थे क्योंकि परिचालन बंद करनेवाले जेट एयरवेज ने कई महीनों से अपने कर्मचारियों का वेतन अदा नहीं किया था।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि शैलेष कैंसर से पीड़ित थे और उनकी कीमोथेरेपी चल रही थी। प्राथमिक तौर पर ऐसा प्रतीत होता है कि बीमारी की वजह से वह अवसाद में थे। एसोसिएशन ने दावा किया कि एयरलाइन द्वारा परिचालन बंद करने के बाद कर्मचारी की आत्महत्या का यह पहला मामला है। सिंह के परिवार में पत्नी, दो बेटे और दो बेटियां हैं।
फिलहाल नहीं मिलेगा बकाया वेतन
अस्थाई तौर पर बंद हो चुकी जेट एयरवेज के कर्मचारियों को फिलहाल उनकी बकाया सैलरी नहीं मिल पाएगी। कंपनी के सीईओ विनय दुबे ने कर्मचारियों को पत्र लिखकर अपनी मजबूरी का जिक्र कर दिया है।
बैंकों ने पैसा देने से किया मना
विनय दुबे ने पत्र में लिखा है कि बैंकों ने बकाया सैलरी का भुगतान करने से मना कर दिया है। इससे कंपनी के पास फिलहाल पैसा नहीं बचा है। ऐसे में वो कर्मचारी भी दूसरी एयरलाइन कंपनियों में नौकरी तलाश रहे हैं, जो लंबे समय से जेट से जुड़े थे।
बैंकों ने कहा 10 मई तक करें इंतजार
बैंकों ने कंपनी से कहा है कि पैसा मिलने के लिए 10 मई तक इंतजार करें। ऐसा इसलिए क्योंकि तब तक नए निवेशक का फैसला बैंक कर लेंगे। जेट एयरवेज के 22 हजार कर्मचारियों के सामने घर चलाने को लेकर के संकट पैदा हो गया है। इन कर्मचारियों को दिसंबर से लेकर के अभी तक सैलरी नहीं मिली है। एयरलाइन कब तक फिर से शुरू होगी, इसका भी इन कर्मचारियों को नहीं पता है।
नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के कर्मचारियों के वेतन भुगतान में देरी हुई है। एयरलाइन ने परिचालन के लिए पर्याप्त धन नहीं होने की वजह से अपने सेवाओं को अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया है।



