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पहले चरण की वोटिंग के बाद ईवीएम के मुद्दे पर एकजुट हुआ विपक्षी दल,फिर से सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी

नई दिल्ली:
पहले चरण की वोटिंग के बाद विपक्षी दलों ने ईवीएम का मुद्दा एकबार फिर से गर्मा दिया है। कई बड़े विपक्षी दलों की दिल्ली में आज हुई बैठक में ईवीएम पर सवाल उठाए गए। दलों ने ईवीएम के मुद्दे पर एकबार फिर से सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है।
बैठक में कम से कम छह विपक्षी दलों ने शिरकत की। दलों ने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए बैलट पेपर से वोटिंग की वकालत की। उधर, बीजेपी ने विपक्ष की इस बैठक को हार स्वीकार करने वाला बताया है।
बैठक के बाद टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू और कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम ईवीएम का मुद्दा लेकर फिर से सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। नायडू शनिवार को भी ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत लेकर चुनाव आयोग पहुंचे थे। उनका आरोप था कि आंध्र प्रदेश में गुरुवार को पहले चरण की वोटिंग के दौरान 4 हजार से ज्यादा ईवीएम में खराबी आई थी। रविवार को उन्होंने कहा, ‘हम ईवीएम के मुद्दे पर फिर से सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। बहुत कम देश हैं जो ईवीएम का इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर हमें वोटर्स का विश्वास जीतना है तो बैलट पेपर का इस्तेमाल करना होगा।’
कांग्रेस बोली, ईवीएम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
‘संविधान बचाओ’ के नारे के तहत आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल शामिल हुए। सिंघवी ने कहा, ‘पहले चरण के चुनाव के बाद ईवीएम पर सवाल उठे हैं, हमें नहीं लगता कि चुनाव आयोग इसपर पर्याप्त ध्यान दे रहा है। अगर आप X पार्टी को वोट देते हैं तो वोट Y पार्टी को जाता है। वीवीपैट में भी पर्ची 7 सेकंड की जगह केवल 3 सेकंड दिखती है।’
नायडू का आरोप, मोदी के इशारे पर काम कर रहा चुनाव आयोग
बता दें कि इससे पहले शनिवार को अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ चुनाव आयोग पहुंचे नायडू ने राज्य के करीब 150 पोलिंग स्टेशनों पर पुनर्मतदान की अपील की थी। उनका आरोप था कि इन पोलिंग बूथों पर ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी थी।
चुनाव आयोग पर सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए नायडू ने कहा था, ‘चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है, लेकिन यह काम प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के इशारे पर कर रही है।’ ईवीएम में कथित गड़बड़ी पर उन्होंने कहा था, ‘यह बेहद चिंताजनक है और देश के लिए आपदा की तरह है।’



