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मसूद पर वैश्विक बैन के प्रस्ताव पर चीन ने लगाया अड़ंगा.

वॉशिंगटन/नई दिल्ली:
भारत में पुलवामा समेत कई आतंकी हमलों के जिम्मेदार पाकिस्तानी आतंकी व जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर पर चीन ने चौथी बार वीटो कर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की पाबंदी नहीं लगने दी। चीन के इस कदम से नाराज सुरक्षा परिषद के अन्य जिम्मेदार सदस्य देशों ने चीन को चेतावनी दी है कि यदि वह नहीं माना तो वे दूसरे तरीके अपनाने को मजबूर होंगे।
इधर भारत में इस मसले पर भद्दी सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तंज करते हुए कहा कि मोदी कमजोर पीएम, वे डरते हैं इसलिए ताकतवर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सामने इस मुद्दे पर मौन हैं। भाजपा ने राहुल पर पलटवार कर कहा कि देश की पीड़ा के वक्त में राहुल गांधी खुशी क्यों मनाते हैं?’
इसलिए चीन निशाने पर
पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद होने के बाद अमेरिका, ब्रिटेन व फ्रांस ने 27 फरवरी को सुरक्षा परिषद में इस हमले के जिम्मेदार जैश के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव पर परिषद के 10 अस्थाई व चार अन्य स्थाई सदस्य सहमत थे, लेकिन चीन ने 13 मार्च को इस पर अंतिम विचार-विमर्श के दौरान वीटो कर तकनीकी अड़ंगा डाल दिया। इससे बाकी सदस्य देश चीन से खफा हो गए हैं। भारत ने भी चीन के रुख पर निराशा जताते हुए कहा कि वह भारतीयों पर हमले के जिम्मेदार आतंकियों को न्याय के दायरे में जाने के अन्य विकल्पों पर काम करेगा।
वैश्विक आतंकी के मानक पर फिट है मसूद : अमेरिका
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप-प्रवक्ता रॉबर्ट पैल्लाडिनो ने कहा कि मसूद अजहर, संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के सारे मानकों पर फिट बैठता है। चीन व अमेरिका के क्षेत्रीय स्थिरता व शांति में साझा हित हैं, लेकिन मसूद मामले से इस लक्ष्य पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इधर नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने भी चीन की परोक्ष आलोचना करते हुए इसी तरह की राय व्यक्त की। आतंक के खिलाफ कार्रवाई में भारत के साथ है अमेरिका उधर भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने वॉशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर (एनएसए) जॉन बोल्टन से मुलाकात की।



