Flash Newsब्रेकिंग न्यूज़समाचार
राफेल डील को लेकर एक बार फिर राहुल ने घेरा मोदी को..

राफेल डील को लेकर देश में जारी विवाद थमता नहीं दिख रहा है. अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ ने खुलासा किया है कि फ्रांस सरकार के साथ राफेल डील को लेकर रक्षा मंत्रालय की ओर से की जा रही डील के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के दखल का फायदा फ्रांस को मिला था. पीएमओ की इस दखल का रक्षा मंत्रालय ने विरोध भी किया था. अब इसी मीडिया रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस ने फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीधे तौर इसमें हस्तक्षेप किया था.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल डील पर नए खुलासे के बाद फिर से मोदी सरकार पर हमला किया और अंग्रेजी अखबार का हवाला देते हुए कहा कि रक्षा मंत्रालय ने इस सौदे का विरोध किया था. राहुल ने कहा कि पीएम ने सीधे तौर पर डील में हस्तक्षेप किया था. मोदी ने भारतीय वायुसेना के 30 हजार करोड़ का नुकसान कराया. पीएम ने चोरी कर पैसे अनिल अंबानी को दिए. उन्होंने एचएएल की जगह अनिल अंबानी की कंपनी को डील दिलवाई.
उन्होंने आगे कहा कि ये साबित हो गया कि चौकीदार चोर है. डील पर प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने झूठ बोला था. राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में भी सरकार ने झूठ बोला. ये रक्षा मंत्रालय और कॉरपोरेट के बीच की लड़ाई है.
पिछले दिनों पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मुलाकात के दौरान राफेल डील पर बातचीत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह उनसे मिले थे, लेकिन राफेल पर उनसे कोई बातचीत नहीं हुई थी.
राहुल गांधी ने कहा कि वायुसेान, रक्षा मंत्रालय के लोग कहते हैं प्रधानमंत्री फ्रांस से सीधे बातचीत कर रहे हैं। ऑलैंद जी ने जो बात कही थी कि पीएम ने कहा था कि अनिल अंबानी को कॉन्ट्रैक्ट मिलना चाहिए। ये बात इसको बल देती है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने अंग्रेजी अखबार में छपी खबर का हवाला देते हुए कहा कि रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की थी कि पीएमओ के शामिल होने पर डील की नेगोशिएशन प्रभावित हो सकती है, लेकिन फिर भी पीएम शामिल हुए। राहुल ने अंबानी की कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिए जाने को कॉर्पोरेट वॉर के सवाल पर कहा कि कॉर्पोरेट वॉर था, लेकिन नरेंद्र मोदी ने अनिल अंबानी के लिए नेगोशिएशन किया। मनोहर पर्रिकर को लेकर किए गए सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, ‘देखिए, मेरी पर्रिकर जी से मुलाकात के दौरान राफेल डील से जुड़ी कोई बातचीत नहीं हुई। इसके बाद मैंने उनको एक पत्र भी लिखा था, जिसमें मैंने यह साफ कर दिया था कि मेरी उनसे राफेल को लेकर कोई बात नहीं हुई।’



