
भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच खेले गए चौथे वनडे मैच में टीम इंडिया हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में न्यूज़ीलैंड ने भारत की ऐसी दुर्गति की जो इससे पहले कभी नहीं हुई थी। इस मुकाबले में टॉस जीतकर न्यूज़ीलैंड ने पहले बल्लेबाज़ी का फैसला किया और भारतीय टीम 30.5 ओवर में मात्र 92 रन पर सिमट गई। इसके बाद न्यूज़ीलैंड ने 93 रन के लक्ष्य को दो विकेट खोकर 14.4 ओवर में ही हासिल कर लिया। इस मैच को 14.4 ओवर में जीतकर न्यूज़ीलैंड ने भारत को सबसे बड़ा दर्द दिया।
ट्रेंट बोल्ट ने शिखर धवन (13) को एलबीडब्ल्यू आउट करके इसकी शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने रोहित शर्मा (7) और डेब्यूटेंट शुभमन गिल (9) के अपनी ही गेंद पर कैच लपके व टीम इंडिया को बैकफुट पर धकेला।
बोल्ट को कॉलिन डी ग्रैंडहोम का अच्छा साथ मिला, जिन्होंने अंबाती रायुडू और दिनेश कार्तिक को खाता खोलने का मौका भी नहीं दिया। रायुडू का कैच गप्टिल जबकि कार्तिक का कैच विकेटकीपर ग्रैंडहोम ने लपका। फिर बोल्ट ने केदार जाधव (1) को एलबीडब्ल्यू आउट करके अपना चौथा शिकार किया। इसके बाद ग्रैंडहोम ने भुवनेश्वर कुमार को (1) एलबीडब्ल्यू आउट करके टीम इंडिया को सातवां झटका दिया।
इसके बाद हार्दिक पांड्या (16) ने चार चौके जमाकर टीम इंडिया को संभालने की उम्मीद जताई, लेकिन बोल्ट ने उन्हें लैथम के हाथों कैच आउट कराकर इस पर पानी फेर दिया। इसके बाद कुलदीप यादव (15) ने युजवेंद्र चहल के साथ मिलकर टीम इंडिया का स्कोर 80 रन तक पहुंचाया। दोनों क्रीज पर जमे ही थे कि टॉड एस्टल की गेंद पर कुलदीप ने भी अपना विकेट गवा दिया.
जल्द ही जिमी निशाम ने खलील अहमद (5) को क्लीन बोल्ड करके भारतीय पारी का अंत किया।
इस हार के साथ ही हैमिल्टन के मैदान पर भारत का रिकॉर्ड और भी खराब हो गया। इस मैदान पर भारत का ये दसवां वनडे मैच रहा और टीम इंडिया की यहां पर ये सातवीं हार रही। इससे पहले टीम इंडिया ने इस मैदान पर नौ वनडे मैच खेले थे। इनमें से तीन में उसे जीत मिली है, जबकि छह मैचों में हार का सामना करना पड़ा था।



