लखनऊसमाचार

अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग व अनुसूचित जाति आयोग को पत्र लिखा.

आरक्षण के प्रावधानों को प्रभावी बनाने का आग्रह किया.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष  अखिलेश यादव ने अध्यक्ष राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग तथा अध्यक्ष राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग को पत्र लिखकर संविधान प्रदत्त आरक्षण के प्रावधानों को लोकहित में प्रभावी बनाने का आग्रह किया है।
अखिलेश यादव ने कहा है कि संविधान के संकल्प (प्रीम्बल) में, जिस सामाजिक न्याय को आम जनता तक पहुंचाने के लिए संवैधानिक प्रतिबद्धता का संकल्प लिया गया था, उसका पालन होना चाहिए। स्वतंत्रता के प्रमुख सेनानी, गांधी जी से लेकर भगत सिंह तक, तमाम स्वतंत्रता सेनानियों ने स्पष्ट किया था कि आज़ादी हमारे लिए एक साधन होगा जिससे हम व्यवस्था परिवर्तन के साध्य को प्राप्त कर सकेंगे। संविधान में आरक्षण का प्रावधान, इसी विचार से अनुप्राणित है। हमारा अनुभव है, कि ये प्रावधान लोक कल्याण के लिए उस नियम से क्रियान्वित नहीं किये जा रहे, जैसा संविधान के निर्माताओं ने अपेक्षा की थी। संविधान के प्रमुख निर्माता डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर ने संविधान को लोकार्पित करते हुए कहा था ‘‘यह संविधान बहुत अच्छा है‘‘ पर इसका लाभ या अलाभ, इस बात पर निर्भर करेगा कि इसको क्रियान्वित करने वालों की मानसिकता क्या है।
अखिलेश  यादव ने कहा है कि पिछड़े वर्ग के लिए शिक्षा एवं नियुक्तियों के लिए प्रतियोगिता/परीक्षा में 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। इस प्रावधान के अनुसार यदि कोई प्रतियोगी/परीक्षार्थी इतने अंक प्राप्त कर लेता था, तो उसे आरक्षण की आवश्यकता ही नही पड़ती थी, ऐसे परीक्षार्थी को 27 प्रतिशत आरक्षण की श्रेणी में न रखकर, उसे सामान्य श्रेणी में रखा जाता था। परन्तु नए नियम के अनुसार, यदि कोई परीक्षार्थी/प्रतियोगी, परीक्षा/प्रतियोगिता में प्रथम स्थान भी प्राप्त कर ले, तब भी उस परीक्षार्थी को 27 प्रतिशत आरक्षण वाली श्रेणी में ही रखा जाता है। नये नियम के कारण पिछड़े वर्ग को आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश  यादव ने कहा है कि सरकारी नियुक्तियों में, पिछड़े वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। पिछड़े वर्ग को सरकारी नियुक्तियों, से वंचित करने के लिए, एक नयी प्रणाली से नियुक्तियां की जा रही है जिसे रोस्टर प्रणाली का नाम दिया गया है। रोस्टर प्रणाली के अनुसार, केवल दो-दो, तीन-तीन पदों पर नियुक्तियां की जा रही है, इतने कम पदों की नियुक्तियों पर आरक्षण लागू नहीं होता। अतः रोस्टर प्रणाली द्वारा, नियुक्तियों में पिछड़े वर्ग को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। अतः रोस्टर प्रणाली द्वारा नियुक्तियों पर रोक लगायी जाए, तथा संविधान के तहत नियुक्तियां की जाए, जैसे पहले नियम था।
श्री अखिलेश यादव ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लोकहित में गम्भीरता पूर्वक पिछड़े वर्ग के लिए शिक्षा एवं नियुक्तियों में आरक्षण की पुरानी व्यवस्था बरकरार रखने और रोस्टर प्रणाली से नियुक्तियां रद्द करने की मांग उठाई हैं और प्रभावी कार्यवाही करने की अपेक्षा की है।

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