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यूपी विधान सभा वर्ष 2018 के प्रथम सत्र की कार्यवाही गुणवत्तापरक रही-विधान सभा अध्यक्ष
महत्व के तमाम प्रश्नों पर विधान सभा में गम्भीर वाद-विवाद हुआ-हृदय नारायण दीक्षित
लखनऊ
महत्व के तमाम प्रश्नों पर विधान सभा में गम्भीर वाद-विवाद हुआ-हृदय नारायण दीक्षित
सत्र में 1111 प्रश्नों के उत्तर दिये गये-विधान सभा अध्यक्ष
विधान सभा के वर्ष, 2018 के प्रथम सत्र की कार्यवाही की गुणवत्ता की प्रशंसा करते हुए विधान सभा अध्यक्ष, हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि कार्यवाही में समयावधि ही महत्वपूर्ण नहीं होती। बहस की गुणवत्ता और मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श की महत्ता से ही कार्यवाही का मूल्यांकन किया जाना चाहिए। श्री दीक्षित ने कहा कि पिछले सत्रों की तुलना में इस सत्र में व्यवधान कम हुआ है। इस बार मात्र 09 बार व्यवधान हुआ। प्रश्नोत्तर काल की कार्यवाही बहुत ही ठीक से चली है। बिजली जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सदन में महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर हुआ। लोक महत्व के तमाम विषयों पर कार्य स्थगन व अन्य नियमों के माध्यम से भी महत्वपूर्ण चर्चा हुई। सदस्यों की रूचि को देखते हुए प्रतिदिन ध्यानाकर्षण की 15 सूचनाओं की संख्या बढ़ाकर 20 की है। सार्वजनिक महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार से वक्तव्य की माँग करने वाले विधायकों ने नियम 51 के अन्तर्गत 695 सूचनायें दी, जिनमें से हमनें 319 सूचनायें स्वीकार की गयीं।
विधान सभा अध्यक्ष विधान भवन में मीडिया को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि 17वीं विधान सभा के वर्ष 2018 के प्रथम सत्र में कुल 15 उपवेशन हुए। 15 दिनों के उपवेशन में अल्पसूचित प्रश्न 222, तारांकित प्रश्न 842, अतारांकित प्रश्न 1284 प्राप्त हुए। इनमें कुल 1111 प्रश्न उत्तरित हुए। नियम-301 की 509 सूचनाएं प्राप्त हुई, जिनमें 317 स्वीकृत सूचनाओं पर ध्यानाकर्षण किया गया। श्री राज्यपाल अभिभाषण एवं बजट की सामान्य चर्चा में पुराने सदस्यों की अपेक्षा नये सदस्यों को बोलने का अवसर दिया गया। बोलने वाले 109 सदस्यों में 78 नये सदस्यों की संख्या रही। नये सदस्यगण विद्वतापूर्ण, तार्किक एवं प्रभावशाली ढंग से सदन की चर्चाओं में शामिल हुए। इस सत्र में 192 याचिकायें प्राप्त हुई, जिसमें से 115 ग्राह्य होकर सदन में प्रस्तुत की गयी।
श्री दीक्षित ने बताया कि यू0पी0 कोका सहित 11 विधेयकों में प्रवर समिति गठित किये जाने की माँग उठाकर विपक्ष ने तमाम तर्क प्रस्तुत किये। संसदीय कार्य मंत्री, श्री सुरेश खन्ना ने विपक्ष द्वारा उठाये गये प्रश्नों पर समाधानपरक उत्तर भी दिये। विधेयकों के पारित करने में सारवान चर्चा हुई। कानून व्यवस्था के प्रश्न पर भी विधान सभा में कई बार महत्वपूर्ण वाद-विवाद हुआ। बेशक, विपक्ष के अपने आँकड़ें और तथ्य रहे हैं और सरकार के अपने, लेकिन वाद-विवाद में सभा की रूचि और गम्भीरता आकर्षण का विषय बनी रही। सभा में किसानों की समस्यायें भी पूरी गम्भीरता के साथ उठायी गयी। छुट्टे जानवरों की समस्या, आलू किसानों और गन्ना किसानों की समस्या को दूर करने की दृष्टि से विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ही गम्भीर दिखायी पड़े। विद्युत, कृषि, प्रशासन, जल आपूर्ति सहित अविलम्बनीय महत्व के तमाम प्रश्नों पर विधान सभा में गम्भीर वाद-विवाद हुआ।
श्री दीक्षित ने तमाम व्यस्तता के बावजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के सदन में उपस्थिति की सराहना की। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष, श्री राम गोविन्द चैधरी, नेता बहुजन समाज पार्टी, श्री लाल जी वर्मा, नेता भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, श्री अजय कुमार लल्लू व नेता अपना दल, श्री नील रतन पटेल सहित सभी दलीय नेताओं की भी प्रशंसा की। मंत्रिमण्डल के सभी मा0 सदस्यांे, जिन्होंने सरकार की ओर से विभिन्न प्रकार के प्रश्नों एवं वाद-विवाद के मामलों में सदन के सदस्यों को अपने उत्तर से संतुष्ट किया, उनके लिए भी धन्यवाद ज्ञापित किया।


