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अमेरिकी जंगी जहाज की दस्तक से खफा चीन ने भी उड़ाए फाइटर प्लेन

साउथ चाइना सी और वेस्टर्न पैसिफिक के ऊपर से फाइटर प्लेन की गड़गड़ाहट


बीजिंग. विवादित साउथ चाइना सी में अमेरिकी जंगी जहाज की दस्तक के बाद वहां चीन ने सैन्य अभ्यास किया। उसने जापान के दक्षिणी आईलैंड्स को पार कर साउथ चाइना सी और वेस्टर्न पैसिफिक के ऊपर से फाइटर प्लेन उड़ाए। बता दें कि अमेरिकी जंगी जहाज फ्रीडम ऑफ नेवीगेशन शुक्रवार को साउथ चाइना सी में चीन के बनाए आर्टिफिशियल आइलैंड के करीब से गुजरा था। इसके बाद चीन के रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका पर उनकी संप्रभुता और सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था।

1) युद्ध क्षमता बढ़ाने के लिए अभ्यास: शेन जिनके
– चीनी एयरफोर्स के प्रवक्ता शेन जिनके ने बताया कि चीनी एयरफोर्स की दो टीमों ने वेस्टर्न पैसिफिक और साउथ चाइना सी में अलग-अलग युद्ध अभ्यास किया। इनमें एच-6के बॉम्बर, एसयू-30 और एसयू-35 फाइटर प्लेन शामिल थे।
– उन्होंने कहा कि यह युद्ध अभ्यास अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत किया गया। देश की सुरक्षा और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए ऐसा अभ्यास जारी रखेगा। हालांकि, उन्होंने अभ्यास का समय और सटीक जगह नहीं बताई।

2) चाइना सी में पेट्रोलिंग जारी रखेंगे: अमेरिका
– अमेरिकी नेवी के अफसर कमांडर टिम हॉकिन्स ने पिछले महीने कहा था, “साउथ चाइना सी में चीन की बढ़ती गतिविधियों के बावजूद पेट्रोलिंग जारी रखेंगे। अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत अमेरिका वहां तैनात रहेगा।”

– उन्होंने कहा था, “अमेरिका कभी भी इस क्षेत्र पर अपनी दावेदारी नहीं करता, लेकिन वहां नेविगेशन (समुद्र में आने-जाने) की आजादी का समर्थन करता है।”

– बता दें कि चीन अमेरिका पर साउथ चाइना सी में अवैध रूप से घुसने का आरोप लगाता रहा है।

3) लगातार कब्जा बढ़ा रहा है चीन
– चीन साउथ चाइना सी अपना दावा जताता है। वह वहां सात आइलैंड, मिसाइल स्टेशन, हैंगर और रडार स्टेशन बना चुका है।
– अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सत्ता संभालने के बाद से ही चीन और अमेरिका के बीच साउथ चाइना सी को लेकर तनातनी चल रही है।

4) ओएनजीसी का विरोध करता है चीन
– चीन कई सालों से साउथ चाइना सी में भारत के ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ओएनजीसी) के तेल की खोज करने का विरोध कर रहा है।

– वहीं, भारत का कहना है कि ओएनजीसी कॉमर्शियल ऑपरेशन चलाता है। उसका किसी विवाद से लेना-देना नहीं है।
– बता दें कि साउथ चाइना सी से हर साल करोड़ों डॉलर का व्यापार होता है, लिहाजा भारत भी वहां से आने-जाने की आजादी चाहता है।

5) 35 लाख स्क्वेयर किलोमीटर का इलाका है विवादित
– साउथ चाइना सी का लगभग 35 लाख स्क्वेयर किलोमीटर का इलाका विवादित है। इस पर चीन, फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ताइवान और ब्रुनेई दावा करते रहे हैं।

– साउथ चाइना सी में तेल और गैस के बड़े भंडार दबे हुए हैं। अमेरिका के मुताबिक, इस इलाके में 213 अरब बैरल तेल और 900 ट्रिलियन क्यूबिक फीट नेचुरल गैस का भंडार है।

– वियतनाम इस इलाके में भारत को तेल खोजने की कोशिशों में शामिल होने का न्योता दे चुका है। इस समुद्री रास्ते से हर साल 7 ट्रिलियन डॉलर का बिजनेस होता है।

– अमेरिका और चीन एक-दूसरे पर इस क्षेत्र का सैन्यीकरण करने का आरोप लगाते रहे हैं।

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