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मिस्र: 5 दिनों के सैन्य कार्रवाई में 36 आतंकवादी मारे गए,

पूर्व राष्ट्रपति मुर्सी के 65 समर्थकों को हुई जेल

पूर्व राष्ट्रपति मुर्सी के 65 समर्थकों को हुई जेल

सेना के इन छापों के दौरान एक अधिकारी और तीन रंगरुटों की मौत हो गई जबकि एक गैर-कमीशन अधिकारी और पांच जवान घायल हो गये.

काहिरा: मिस्र के उत्तरी और मध्य सिनाई में पिछले पांच दिनों में सेना की कार्रवाई में कम से कम 36 आतंकवादी मारे गए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उत्तरी और मध्य सिनाई में आतंकवाद के खात्मे के लिए फरवरी की शुरूआत में आरंभ किये गये एक व्यापक अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई. मिस्र के सैन्य बलों ने एक बयान में बताया कि लगभग 345 संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया जिनमें कई वांछित आतंकवादी भी शामिल हैं.

सेना के इन छापों के दौरान एक अधिकारी और तीन रंगरुटों की मौत हो गई जबकि एक गैर-कमीशन अधिकारी और पांच जवान घायल हो गये. सशस्त्र बलों ने बताया कि कार्रवाई के दौरान आतंकवादियों के 386 ठिकानों को नष्ट किया गया. बयान में बताया गया कि 17 वाहनों और 67 बिना लाइसेंस की मोटरबाइक को जब्त किया गया और नष्ट किया गया.उल्लेखनीय है कि जनवरी 2011 के बाद से उत्तरी सिनाई में कई आतंकवादी हमले हो चुके हैं.

पूर्व राष्ट्रपति मुर्सी के 65 समर्थकों को हुई जेल
बता दें कि मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के 65 समर्थकों को अदालत ने शनिवार (17,फरवरी) को सरकार विरोधी दंगों, प्रदर्शनों और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए 10 साल कैद की सजा सुनाई है. प्राप्त जानकारी के अनुसार जागजिग आपराधिक अदालत ने सभी मामलो में 44 अभियुक्तों को 10 साल जेल और 21 को दो साल जेल की सजा सुनाई है. वहीं, सरकार विरोधी दंगों, प्रदर्शनों और हिंसा को बढ़ावा देने के इस मामले में आठ लोगों को रिहा भी किया है.

सभी अभियुक्त मुस्लिम ब्रदरहुड धड़े के सदस्य और समर्थक
सजा पाने वाले दोषियों में अधिकतर पूर्व राष्ट्रपति मुर्सी की मुस्लिम ब्रदरहुड धड़े के सदस्य और समर्थक हैं. देश में मुस्लिम ब्रदरहुड धड़े को आतंकवादी संगठन मानकर प्रतिबंधित किया जा चुका है. बता दें कि देश में मुर्सी के शासन के विरोध में प्रदर्शन के बाद जुलाई 2013 में तख्तापलट हो गया था.

पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी भी भुगत रहे हैं सजा
गौरतलब है कि मोहम्मद मुर्सी इस समय 20 साल कारावास की सजा भुगत रहे हैं. यह सजा उनको 2012 में उनके समर्थकों और विरोधियों के बीच रंक्तरंजित संघर्ष को भड़काने का दोषी ठहराते हुए दी गई है. इसके अलावा उनको गोपनीय दस्तावेज लीक करने के आरोप में 25 साल कारावास की सजा दी गई है.

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