दुनियाब्रेकिंग न्यूज़

चाबहार प्रोजेक्ट के लिए ईरान का पाकिस्तान और चीन को न्योता देना भारत के लिए एक झटका,

ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ पाकिस्तान के दौरे पर ,

चाबहार प्रोजेक्ट के लिए ईरान का पाकिस्तान और चीन को न्योता भारत के लिए झटका,
इस्लामाबाद : तेहरान से भारत के लिए बुरी खबर आ रही है। अब ईरान ने भारत को नजरअंदाज कर अपने महत्वपूर्ण व्यापारिक बंदरगाह चाबहार को विकसित करने के लिए पाकिस्तान और चीन को न्योता दिया है। दरअसल, भारत, पाकिस्तान को साइडलाइन करने के लिए चाबहार प्रॉजेक्ट में अपनी दिलचस्पी दिखाई थी लेकिन अब यहां भारत की व्यापारिक और सामरिक कूटनीति विफल होती दिख रही है। लिहाजा, ईरान ने पाकिस्तान और चीन को भी उसमें शामिल होने का ऑफर दे दिया है।

पाक मीडिया का दावा है कि ईरान के विदेश मंत्री ने दोनों देशों को यह प्रस्ताव दिया है। इस पोर्ट के निर्माण को भारत की एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि इससे रणनीतिक लाभ होने की बात बताई जा रही है। सबसे बड़ा फायदा अफगानिस्तान और मध्य-एशिया के देशों तक भारत की पहुंच है। इस पोर्ट की मदद से भारत अब पाकिस्तान से गुजरे बिना ही अफगानिस्तान पहुंच सकता है।

पाकिस्तानी मीडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ, सोमवार को चाबहार सीपोर्ट प्रॉजेक्ट में शामिल होने का न्योता दिया। यही नहीं, ईरान ने कहा है कि चाबहार से ग्वादर पोर्ट के बीच लिंक के विकास के लिए भी पाकिस्तान आगे आए। पाकिस्तानी मीडिया का दावा है कि जरीफ , ईरानी पोर्ट में भारत के शामिल होने को लेकर जताई गई पाकिस्तान की चिंताओं को दूर करना चाहते हैं।

जरीफ 3 दिनों के लिए पाकिस्तान के दौरे पर हैं। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक जरीफ ने इस्लामाबाद में इंस्टिट्यूट ऑफ स्ट्रैटिजिक स्टडीज में एक लेक्चर के दौरान कहा, हमने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे में शामिल होने की बात कही है। इसके साथ ही हमने पाकिस्तान और चीन को भी चाबहार में शामिल होने का ऑफर दिया है। गौरतलब है कि चाबहार को भारत और ईरान के संबंधों में सक्सेस स्टोरी के तौर पर देखा जा रहा है। दक्षिण-पूर्व ईरान में भारत द्वारा विकसित किए जा रहे चाबहार पोर्ट के पहले फेज का उद्घाटन पिछले साल दिसंबर में किया गया था।

इस पोर्ट ने भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच एक नया स्ट्रैटिजिक ट्रांजिट रूट खोल दिया, जिसमें पाकिस्तान को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया। उम्मीद जताई जा रही है कि इस रास्ते से भारतीय सामानों की आपूर्ति में परिवहन खर्च कम आएगा और समय भी बचेगा। इससे भारत, अफगानिस्तान और ईरान के बीच कारोबार में तेजी आ सकती है। अब तक पाकिस्तान इन दोनों देशों के साथ ट्रेड के लिए नई दिल्ली को रास्ता देने से मना करता रहा है।

ऐसे में ईरान के विदेश मंत्री का यह बयान भारत के लिए अच्छी खबर नहीं है। हालांकि यह भी हो सकता है कि जरीफ केवल मित्रतापूर्ण टिप्पणी कर रहे हों, इसकी वजह है उनका पाक दौरा। वह पाकिस्तान में थे और ऐसे में जरीफ भारत से बढ़ती दोस्ती को लेकर ईरान की तरफ से पाकिस्तान को आश्वस्त करना चाहते होंगे। लेकिन इन दिनों ईरान की चाल बदली-बदली सी दिखने लगी है। ऐसे में इस संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि ईरान भारत को नजअंदाज कर पाकिस्तान को तरजीह देना प्रारंभ कर दे।

जरीफ ने पाकिस्तान के साथ संबंधों की सऊदी अरब से तुलना भी की और कहा कि उसी तरह से इस्लामाबाद के तेहरान के साथ संबंधों को प्रभावित नहीं कर सकते हैं। हालांकि ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी मेहर न्यूज ने भारत की चिंता को कम करते हुए यह कहा है कि जरीफ ने कहा कि ईरान के भारत के साथ संबंध पाकिस्तान को नकारात्मक रूप से प्रभावित नहीं करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान में ग्वादर पोर्ट सिटी और चाबहार ट्रांजिट अग्रीमेंट (भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच) पूरक हैं, प्रतिस्पर्धी नहीं।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker